Movie/Album: स्वयंवर (1980)
Music By: राजेश रोशन
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: किशोर कुमार
नारी कुछ ऐसन आगे निकल रही है
मर्दन के पाँव तले धरती फिसल रही है
नारी कुछ ऐसन...
वो दिन गए की घर के चूल्हे मा सर खपाया
एक पैर अब जमीं पर एक चाँद पर जमाया
बदली है जब से औरत, दुनिया बदल रही है
मर्दन के पाँव तले...
मर्दन को दे के पेनशन, लड़ती है अब इलेक्शन
कहते थे जिसको सिस्टर, अब हुई गई मिनिस्टर
मर्दन की मोमबत्ती टप-टप पिघल रही है
मर्दन के पाँव तले...
चाबी का छल्ला खोला, आँचल से नारियों ने
बन्दूक भी उठई ली, अब फ़ौजी नारियों ने
हर देश औरतन की, पल्टन निकल रही है
मर्दन के पाँव तले...
Music By: राजेश रोशन
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: किशोर कुमार
नारी कुछ ऐसन आगे निकल रही है
मर्दन के पाँव तले धरती फिसल रही है
नारी कुछ ऐसन...
वो दिन गए की घर के चूल्हे मा सर खपाया
एक पैर अब जमीं पर एक चाँद पर जमाया
बदली है जब से औरत, दुनिया बदल रही है
मर्दन के पाँव तले...
मर्दन को दे के पेनशन, लड़ती है अब इलेक्शन
कहते थे जिसको सिस्टर, अब हुई गई मिनिस्टर
मर्दन की मोमबत्ती टप-टप पिघल रही है
मर्दन के पाँव तले...
चाबी का छल्ला खोला, आँचल से नारियों ने
बन्दूक भी उठई ली, अब फ़ौजी नारियों ने
हर देश औरतन की, पल्टन निकल रही है
मर्दन के पाँव तले...
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