Movie/Album: साजन चले ससुराल (1996)
Music By: नदीम-श्रवण
Lyrics By: समीर
Performed By: उदित नारायण
राम नारायण बाजा बजाता
झूम-झूम झूम-झूम ठुमका लगाता
सब लोगों का दिल बहलाता
राम नारायण बाजा बजाता...
वो किसी शोख़ नदी की है रवानी देखो
मेरे महबूब की मदमस्त जवानी देखो
जा के उलझा मैं अनाड़ी जो उसके झुमके से
वो मुझे लूट गई, मार गई ठुमके से
हो बम्बई हिले, दिल्ली हिले, कलकत्ता हिलेला
कि उसकी लचके जब कमरिया, तो सारी दुनिया हिलेला
राम नारायण बाजा बजाता...
यार आँखों में नया ख़्वाब अधूरा लाया
ले के हाथों में अपना ताल तम्बूरा आया
छेड़ के साज़ नये गीत बना देता हूँ
छोरी कैसी भी हो मैं उसको पटा लेता हूँ
हे चल रे सजनी सजन घर जी, हो जिया अब ना जला
डोली कब ले के आऊँ मैं, हो दिलजानी बता
राम नारायण बाजा बजाता...
Music By: नदीम-श्रवण
Lyrics By: समीर
Performed By: उदित नारायण
राम नारायण बाजा बजाता
झूम-झूम झूम-झूम ठुमका लगाता
सब लोगों का दिल बहलाता
राम नारायण बाजा बजाता...
वो किसी शोख़ नदी की है रवानी देखो
मेरे महबूब की मदमस्त जवानी देखो
जा के उलझा मैं अनाड़ी जो उसके झुमके से
वो मुझे लूट गई, मार गई ठुमके से
हो बम्बई हिले, दिल्ली हिले, कलकत्ता हिलेला
कि उसकी लचके जब कमरिया, तो सारी दुनिया हिलेला
राम नारायण बाजा बजाता...
यार आँखों में नया ख़्वाब अधूरा लाया
ले के हाथों में अपना ताल तम्बूरा आया
छेड़ के साज़ नये गीत बना देता हूँ
छोरी कैसी भी हो मैं उसको पटा लेता हूँ
हे चल रे सजनी सजन घर जी, हो जिया अब ना जला
डोली कब ले के आऊँ मैं, हो दिलजानी बता
राम नारायण बाजा बजाता...
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