Music By: कल्याणजी-आनंदजी
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: मुकेश
चाँद सी महबूबा हो मेरी, कब ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिल्कुल वैसी हो, जैसा मैंने सोचा था
न कसमें हैं न रस्में हैं, न शिकवे हैं न वादे हैं
एक सूरत भोली भाली है, दो नैना सीधे साधे हैं
ऐसा ही रूप ख्यालों में था, ऐसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिल्कुल वैसी...
मेरी खुशियाँ ही ना बाँटे, मेरे गम भी सहना चाहे
देखे ना ख्वाब वो महलों के, मेरे दिल में रहना चाहे
इस दुनिया में कौन था ऐसा, जैसा मैंने सोचा था
हाँ तुम बिल्कुल वैसी...
Superb
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