जहाँ चार यार मिल जाएँ - Jahan Chaar Yaar Mil Jaayen (Kishore Kumar, Amitabh Bachchan, Sharaabi)

Movie/Album: शराबी (1984)
Music By: बप्पी लाहिरी
Lyrics By: प्रकाश मेहरा
Performed By: किशोर कुमार, अमिताभ बच्चन

जहाँ चार यार मिल जाएँ
वहीं रात हो गुलज़ार
जहाँ चार यार
महफ़िल रँगीन जमे
महफ़िल रँगीन जमे
दौर चले, धूम मचे
मस्त मस्त नज़र देखे नए चमत्कार
जहाँ चार यार मिल जाएँ...

वन ओ क्लॉक, इन माय हाउस
देयर वॉज़ अ कैट
देयर वॉज़ अ माउस
खेल रहे थे, डंडा गिल्ली
चूहा आगे, पीछे बिल्ली
चूहे को पड़ गए जान के लाले
बोला मुझको कोई बचा ले
चूहा आगे, पीछे बिल्ली
पीछे बिल्ली, चूहा आगे
चूहा आगे, पीछे बिल्ली
चूहा आगे, पीछे बिल्ली... हाँ!

बंद झरोखा, बंद थी खिड़की
बिगड़ी हुई थी हालत उसकी
मेरे पास था भरा गिलास
पी गया चूहा सारी व्हिस्की
अकड़ के बोला कहाँ है बिल्ली
दुमदबा के बिल्ली भागी
चूहे की फूटी किस्मत जागी
दुमदबा के बिल्ली भागी
चूहे की फूटी किस्मत जागी
चूहे की फूटी किस्मत जागी... हाँ

खेल रिस्की था
खेल रिस्की था, व्हिस्की ने किया बेड़ा पार
खेल रिस्की था...
महफ़िल रँगीन जमे
दौर चले, धूम मचे
मस्त मस्त नज़र देखे नए चमत्कार
जहाँ चार यार...

एक था हस्बैंड, एक थी वाइफ
मिज़रेबल थी उनकी लाइफ
ड्रंकर्ड हस्बैंड, फाइटर वाइफ

बीवी बिगड़े, शौहर अकड़े
रोज़ के झगड़े, रोज़ के लफ़ड़े
लफ़ड़े झगड़े, अरे झगड़े लफ़ड़े
लफ़ड़े लफ़ड़े झगड़े झगड़े
झगड़े लफ़ड़े, लफ़ड़े झगड़े

बीवी की थी एक सहेली
उसने उसको कुछ समझाया
तब बीवी की समझ में आया
रात को शौहर पी के आया
दरवाजे पर फिर चिल्लाया
आ ई ऊ हम्म
उस दिन बीवी बन गई भोली
कुंडी खोली, हँस के बोली
जान-ए-तमन्ना, अंदर आओ
पहले तो कुछ खाओ वाओ
फिर बिस्तर पे होंगी बातें
बड़े प्यार से कटेंगी रातें

शौहर चौंका
भूले से मैं
ये किस के घर आ गया यार
मेरी बीवी मुझे कभी भी
दे नहीं सकती इतना प्यार
शौहर बिस्तर छोड़ के भागा
अरे कुंडी ताला तोड़ के भागा
शौहर बिस्तर छोड़ के भागा
अरे कुंडी ताला तोड़ के भागा
भागा रे भागा रे भागा रे भागा रे, हा!

बोला देवी माफ़ कीजिए
मेरे साथ ज़रा इंसाफ कीजिए
मुझको अपने घर जाना है
वरना बीवी फिर मारेगी

उस दिन बीवी होश में आई
बंद हो गई सारी लड़ाई
नफ़रत हारी उल्फ़त जीती
लुटी खुशी फिर लौट के आई
नफ़रत हारी उल्फ़त जीती
लुटी खुशी फिर लौट के आई
आई रे आई रे आई रे आई रे, आई!

पीना छूट गया
पीना छूट गया
बीवी ने इतना दिया प्यार
पीना छूट गया
फिर दोनों ऐसे मिले
फिर दोनों ऐसे मिले
प्यार में ही डूब गए
प्यार अगर मिले तो हर नशा है बेकार
जहाँ चार यार...

निरभौ निरवैर - Nirbhau Nirvair (Shahid Mallya, Qala)

Movie/Album: कला (2022)
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: संत कबीर, अनिवता दत्त
Performed By: शाहिद माल्या

ऐसी मरनी जो मरे, बहुरि ना मरना होय
कबीरा मरता-मरता जग मुआ
मर भी ना जाणे कोय

क्या जाणे किवें मरांगे कैसा मरणा होय
जे कर साहिब मनहु ना विसरे
ताँ सहल मरणा होय
ताँ सहल मरणा
मरणा मरणा होय

कित्थे तुरदा लबदा फिरदा
साया नाल साहिब दा
जीण तो पहले मुकदा क्यूँ वे
जुड़न तो ज़्यादा टुटदा

हर धुन गाओ, निर्गुण निरभौ
हर धुन सुण, निर्गुण निरवैर
हर धुन गाओ, निर्गुण निरभौ
हर धुन सुण, निर्गुण निरवैर

पैर लम्बे निक्की चदरा
कफ़न ने पूरा ढकणा
जो विखाया वो था अपणा
बाकी ताँ अहमद शाह दा

सुफ़ने तू झूठे चखदा फिरदा
शहद वी खट्टा लगदा
जीण तो पहले मुकदा क्यूँ वे
जुड़न तो ज़्यादा टुटदा

हर धुन गाओ, निर्गुण निरभउ
हर धुन सुण, निर्गुण निरवैर
हर धुन गाओ, निर्गुण निरभउ
हर धुन सुण, निर्गुण निरवैर