Movie/Album: मुग़ल-ए-आज़म (1960)
Music By: नौशाद
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: लता मंगेशकर
इंसान किसी से दुनिया में
एक बार मोहब्बत करता है
इस दर्द को लेकर जीता है
इस दर्द को लेकर मरता है
प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
प्यार किया कोई चोरी नहीं की
छुप छुप आहें भरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
प्यार किया तो डरना क्या
आज कहेंगे दिल का फ़साना
जान भी ले ले चाहे ज़माना
मौत वही जो दुनिया देखे
घुट घुट कर यूँ मरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
प्यार किया तो डरना क्या
उनकी तमन्ना दिल में रहेगी
शम्मा इसी महफ़िल में रहेगी
इश्क में जीना इश्क में मरना
और हमें अब करना क्या
जब प्यार किया तो...
छुप ना सकेगा इश्क हमारा
चारों तरफ़ हैं उनका नज़ारा
परदा नहीं जब कोई खुदा से
बन्दों से परदा करना क्या
जब प्यार किया तो...
- इस गाने को शकील बदायुनी ने 105 बार लिखा था जिसके बाद ही वे नौशाद साहब को उनकी पसंद तक पहुँचा सके |
- इस गाने को बनाने और शूट करने में 100 लाख रूपए लगे थे |
- इस गीत को सुप्रसिद्ध शीश-महल में शूट किया गया था |
- चूँकि पहले वो गूँज और गाने में कंप्यूटर से बदलाव लाना मुश्किल था इसलिए नौशाद साहब ने लता मंगेशकर से ये गाना स्टूडियो के बाथरूम में गवाया था |
Music By: नौशाद
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: लता मंगेशकर
इंसान किसी से दुनिया में
एक बार मोहब्बत करता है
इस दर्द को लेकर जीता है
इस दर्द को लेकर मरता है
प्यार किया तो डरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
प्यार किया कोई चोरी नहीं की
छुप छुप आहें भरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
प्यार किया तो डरना क्या
आज कहेंगे दिल का फ़साना
जान भी ले ले चाहे ज़माना
मौत वही जो दुनिया देखे
घुट घुट कर यूँ मरना क्या
जब प्यार किया तो डरना क्या
प्यार किया तो डरना क्या
उनकी तमन्ना दिल में रहेगी
शम्मा इसी महफ़िल में रहेगी
इश्क में जीना इश्क में मरना
और हमें अब करना क्या
जब प्यार किया तो...
छुप ना सकेगा इश्क हमारा
चारों तरफ़ हैं उनका नज़ारा
परदा नहीं जब कोई खुदा से
बन्दों से परदा करना क्या
जब प्यार किया तो...
- इस गाने को शकील बदायुनी ने 105 बार लिखा था जिसके बाद ही वे नौशाद साहब को उनकी पसंद तक पहुँचा सके |
- इस गाने को बनाने और शूट करने में 100 लाख रूपए लगे थे |
- इस गीत को सुप्रसिद्ध शीश-महल में शूट किया गया था |
- चूँकि पहले वो गूँज और गाने में कंप्यूटर से बदलाव लाना मुश्किल था इसलिए नौशाद साहब ने लता मंगेशकर से ये गाना स्टूडियो के बाथरूम में गवाया था |
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