Movie/Album: चौदवीं का चाँद (1960)
Music By: रवि
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: मो.रफी
चौदवीं का चाँद हो, या आफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम, लाजवाब हो
चौदवीं का चाँद हो...
जुल्फें हैं जैसे काँधों पे बादल झुके हुए
आँखें हैं जैसे मय के प्याले भरे हुए
मस्ती है जिसमें प्यार की तुम, वो शराब हो
चौदवीं का चाँद हो...
चेहरा है जैसे झील में हँसता हुआ कँवल
या ज़िन्दगी के साज़ पे छेड़ी हुई ग़ज़ल
जाने बहार तुम किसी शायर का ख्वाब हो
चौदवीं का चाँद हो...
होठों पे खेलती हैं तबस्सुम की बिजलियाँ
सजदे तुम्हारी राह में करती है कहकशां
दुनिया-ए-हुस्नो-इश्क का तुम ही शबाब हो
चौदवीं का चाँद हो...
Music By: रवि
Lyrics By: शकील बदायुनी
Performed By: मो.रफी
चौदवीं का चाँद हो, या आफताब हो
जो भी हो तुम खुदा की कसम, लाजवाब हो
चौदवीं का चाँद हो...
जुल्फें हैं जैसे काँधों पे बादल झुके हुए
आँखें हैं जैसे मय के प्याले भरे हुए
मस्ती है जिसमें प्यार की तुम, वो शराब हो
चौदवीं का चाँद हो...
चेहरा है जैसे झील में हँसता हुआ कँवल
या ज़िन्दगी के साज़ पे छेड़ी हुई ग़ज़ल
जाने बहार तुम किसी शायर का ख्वाब हो
चौदवीं का चाँद हो...
होठों पे खेलती हैं तबस्सुम की बिजलियाँ
सजदे तुम्हारी राह में करती है कहकशां
दुनिया-ए-हुस्नो-इश्क का तुम ही शबाब हो
चौदवीं का चाँद हो...
माहेश्वरी जी आपका कार्य प्रशंसा के योग्य हैं. लेकिन आपके ब्लॉग पर कम कमेंट्स देखकर अच्छा नहीं लगा. लेकिन इसमें भी आपकी ही गलती हैं क्योंकि इतने अच्छे गाने पड़ने के बाद कमेंट्स करना याद रखना वाकई मुश्किल हैं.
ReplyDeleteगोनो की बहुत शौक़ीन हूँ मैं नॉन-स्टॉप घंटो पूरे पूरे गाने गा लेती हूँ. ये ब्लॉग मेरे लिए कितना जरूरी,महत्त्वपूर्ण है आप नही जानते.
ReplyDeleteआप जो कर रहे है संगीत के क्षेत्र मे ये एक जबर्दस्त योगदान है.ऐसी ही किसी वेब साईट की मुझे कभी से तलाश थी.यहाँ जाने कैसे पहुँच गई.
थेंक्स
यह सुनकर अच्छा लगा कि आप भी गानों की शौक़ीन हैं.. मैं भी बहुत ज्यादा शौक़ीन
ReplyDeleteहूँ और शायद इसलिए यह ब्लॉग शुरू किया..
आप मेरे ब्लॉग पर आयीं और इसे सराहा, इसके लिए धन्यवाद..
अगर आप किसी भी गाने के बोल चाहती हैं कि ब्लॉग पर हो, तो मुझे बता दें.. मैं
जल्द-स-जल्द उसे ब्लॉग पर पेश करने की कोशिश करूँगा..
गुनगुनाते रहिये!
आभार
प्रतीक माहेश्वरी
लाजवाब Hai ye Song or Rafi Sahab
ReplyDeletewww.facebook.com/aapkavivek
Bahot Badhiya kaam hain ye!
ReplyDeleteApaka,
Ganesh Kulkarni
Pune
many many thanks for publishing very very good songs especially those golden n melodious songs of my young age i.e. 1960 to 1990...with this i am able to get the lyrics from you and even sing in some occasions n mobile app very perfectly..this is keeping me healthy n happy..thanks a lot...
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