Movie/Album: खानदान (1965)
Music By: रवि
Lyrics By: राजेन्द्र कृष्ण
Performed By: लता मंगेशकर
तुम्हीं मेरे मंदिर, तुम्हीं मेरी पूजा
तुम्हीं देवता हो
कोई मेरी आँखों से देखे तो समझे
कि तुम मेरे क्या हो
जिधर देखती हूँ उधर तुम ही तुम हो
न जाने मगर किन खयालो में गुम हो
मुझे देखकर तुम ज़रा मुस्कुरा दो
नहीं तो मैं समझूंगी, मुझसे खफ़ा हो
तुम्हीं मेरे मंदिर...
तुम्हीं मेरे माथे की बिंदिया की झिलमिल
तुम्हीं मेरे हाथों के गजरों की मंज़िल
मैं हूँ एक छोटी-सी माटी की गुड़िया
तुम्हीं प्राण मेरे, तुम्हीं आत्मा हो
तुम्हीं मेरे मंदिर...
बहुत रात बीती चलो मैं सुला दूं
पवन छेड़े सरगम, मैं लोरी सुना दूं
तुम्हें देखकर ये ख़याल आ रहा है
के जैसे फ़रिश्ता कोई सो रहा हो
तुम्हीं मेरे मंदिर...
Music By: रवि
Lyrics By: राजेन्द्र कृष्ण
Performed By: लता मंगेशकर
तुम्हीं मेरे मंदिर, तुम्हीं मेरी पूजा
तुम्हीं देवता हो
कोई मेरी आँखों से देखे तो समझे
कि तुम मेरे क्या हो
जिधर देखती हूँ उधर तुम ही तुम हो
न जाने मगर किन खयालो में गुम हो
मुझे देखकर तुम ज़रा मुस्कुरा दो
नहीं तो मैं समझूंगी, मुझसे खफ़ा हो
तुम्हीं मेरे मंदिर...
तुम्हीं मेरे माथे की बिंदिया की झिलमिल
तुम्हीं मेरे हाथों के गजरों की मंज़िल
मैं हूँ एक छोटी-सी माटी की गुड़िया
तुम्हीं प्राण मेरे, तुम्हीं आत्मा हो
तुम्हीं मेरे मंदिर...
बहुत रात बीती चलो मैं सुला दूं
पवन छेड़े सरगम, मैं लोरी सुना दूं
तुम्हें देखकर ये ख़याल आ रहा है
के जैसे फ़रिश्ता कोई सो रहा हो
तुम्हीं मेरे मंदिर...
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