Movie/Album: परिचय (1972)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: किशोर कुमार
मुसाफ़िर हूँ यारों
ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है
बस चलते जाना
एक राह रुक गयी तो और जुड गयी
मैं मुड़ा तो साथ-साथ राह मुड़ गयी
हवा के परों पर मेरा आशियाना
मुसाफिर हूँ यारों...
दिन ने हाथ थाम कर इधर बिठा लिया
रात ने इशारे से उधर बुला लिया
सुबह से शाम से मेरा दोस्ताना
मुसाफ़िर हूँ यारों...
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: किशोर कुमार
मुसाफ़िर हूँ यारों
ना घर है ना ठिकाना
मुझे चलते जाना है
बस चलते जाना
एक राह रुक गयी तो और जुड गयी
मैं मुड़ा तो साथ-साथ राह मुड़ गयी
हवा के परों पर मेरा आशियाना
मुसाफिर हूँ यारों...
दिन ने हाथ थाम कर इधर बिठा लिया
रात ने इशारे से उधर बुला लिया
सुबह से शाम से मेरा दोस्ताना
मुसाफ़िर हूँ यारों...
इस फ़िल्म और इस गीत से गुलज़ार ने जितेंद्र की पूरी क्षवि ही बदल दी थी।
ReplyDelete👍
Deleteजितेंद्र के अभिनय और किशोर कुमार की आवाज ने चार चांद ही लगा दिए।
ReplyDeleteमै किशोर कुमार का फैन हूं और हमेशा रहूंगा।
ReplyDeleteMast
ReplyDeletelegend
ReplyDeleteForever best
ReplyDeleteVery Nice song
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