Movie/Album: चोर मचाए शोर (1974)
Music By: रविन्द्र जैन
Lyrics By: रविन्द्र जैन
Performed By: किशोर कुमार
घुंघरू की तरह बजता ही रहा हूँ मैं
कभी इस पग में, कभी उस पग में
बंधता ही रहा हूँ मैं
घुंघरू की तरह...
कभी टूट गया, कभी तोड़ा गया
सौ बार मुझे फिर जोड़ा गया
यूँ ही लुट-लुट के, और मिट-मिट के
बनता ही रहा हूँ मैं
घुंघरू की तरह...
मैं करता रहा औरों की कही
मेरी बात मेरे मन ही में रही
कभी मंदिर में, कभी महफ़िल में
सजता ही रहा हूँ मैं
घुंघरू की तरह...
अपनों में रहे या गैरों में
घुंघरू की जगह तो है पैरों में
फिर कैसा गिला जग से जो मिला
सहता ही रहा हूँ मैं
घुंघरू की तरह...
Music By: रविन्द्र जैन
Lyrics By: रविन्द्र जैन
Performed By: किशोर कुमार
घुंघरू की तरह बजता ही रहा हूँ मैं
कभी इस पग में, कभी उस पग में
बंधता ही रहा हूँ मैं
घुंघरू की तरह...
कभी टूट गया, कभी तोड़ा गया
सौ बार मुझे फिर जोड़ा गया
यूँ ही लुट-लुट के, और मिट-मिट के
बनता ही रहा हूँ मैं
घुंघरू की तरह...
मैं करता रहा औरों की कही
मेरी बात मेरे मन ही में रही
कभी मंदिर में, कभी महफ़िल में
सजता ही रहा हूँ मैं
घुंघरू की तरह...
अपनों में रहे या गैरों में
घुंघरू की जगह तो है पैरों में
फिर कैसा गिला जग से जो मिला
सहता ही रहा हूँ मैं
घुंघरू की तरह...
अति सुंदर हृदयस्पर्शी ....
ReplyDeleteEk Toote Dil Ki Daastaa
ReplyDeletebus main kya khu dosto I like it
ReplyDeleteSalute for ravindra my favourite kishore kumar and ravindra jain
ReplyDeleteMera man tere bhaav bik gaya
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