Movie/Album: गैंग्स ऑफ वासेपुर (2012)
Music By: स्नेहा खानवल्कर
Lyrics By: पियूष मिश्रा
Performed By: पीयूष मिश्रा
इक बगल में चाँद होगा, इक बगल में रोटियाँ
इक बगल में नींद होगी, इक बगल में लोरियाँ
हम चाँद पे रोटी की चादर डालकर सो जायेंगे
और नींद से कह देंगे लोरी कल सुनाने आयेंगे
इक बगल में खनखनाती सीपियाँ हो जाएँगी
इक बगल में कुछ रुलाती सिसकियाँ हो जाएँगी
हम सीपियों में भर के सारे तारे छू के आयेंगे
और सिसकियों को गुदगुदी कर कर के यूँ बहलाएँगे
अब न तेरी सिसकियों पे कोई रोने आएगा
गम न कर जो आएगा वो फिर कभी न जायेगा
याद रख पर कोई अनहोनी नहीं तू लाएगी
लाएगी तो फिर कहानी और कुछ हो जाएगी
होनी और अनहोनी की परवाह किसे है मेरी जाँ
हद से ज़्यादा ये ही होगा की यहीं मर जायेंगे
हम मौत को सपना बता कर उठ खड़े होंगे यहीं
और होनी को ठेंगा दिखाकर खिलखिलाते जायेंगे
Music By: स्नेहा खानवल्कर
Lyrics By: पियूष मिश्रा
Performed By: पीयूष मिश्रा
इक बगल में चाँद होगा, इक बगल में रोटियाँ
इक बगल में नींद होगी, इक बगल में लोरियाँ
हम चाँद पे रोटी की चादर डालकर सो जायेंगे
और नींद से कह देंगे लोरी कल सुनाने आयेंगे
इक बगल में खनखनाती सीपियाँ हो जाएँगी
इक बगल में कुछ रुलाती सिसकियाँ हो जाएँगी
हम सीपियों में भर के सारे तारे छू के आयेंगे
और सिसकियों को गुदगुदी कर कर के यूँ बहलाएँगे
अब न तेरी सिसकियों पे कोई रोने आएगा
गम न कर जो आएगा वो फिर कभी न जायेगा
याद रख पर कोई अनहोनी नहीं तू लाएगी
लाएगी तो फिर कहानी और कुछ हो जाएगी
होनी और अनहोनी की परवाह किसे है मेरी जाँ
हद से ज़्यादा ये ही होगा की यहीं मर जायेंगे
हम मौत को सपना बता कर उठ खड़े होंगे यहीं
और होनी को ठेंगा दिखाकर खिलखिलाते जायेंगे
पियूष मिश्र जी की रचनायें उनके व्यक्तित्व की तरह ही अद्भूद होती हैं
ReplyDeletePiyush Mishra Ji I love your work... Hats off to your dedication....
DeleteGod bless U
Husna is my favorite.....
Piyush Sir I love ❤️ your work...
ReplyDeleteGreat actor, singer, lyricist, and above all great Human Being...
Husna and Ek Bagal mein Chaand are my Favorite...
God bless U ....
Music Director of this song is also Piyush Mishra. Check wikipedia.
ReplyDeleteThis is supposed to be a lullaby for poor children. Usually we take children into fantasyland in a lullaby, but putting something as basic as 'Roti'init comes as a slap of reality.. And reveals the true nature of this song. The whole song then proceeds to reveal the unnerving contrast between fantasy and reality, and yet Piyushji manages to face reality with courage and carelessness rather than juat crying about it.
ReplyDeleteAnd all this using just among those usual few thousand words used in day to day language. No heavy urdu words, no philosophical heaviness felt.. And yet very very deep.
Amazing.
This song starts as a lullaby but slaps you at word 'roti' with dark reality that for poor children even roti is like moon. Usually we take children in a fantasy land in a lullaby but Mishraji creates an unnnerving contrast of fantasy with grim reality to show how a huge roti to sleep on can be the most fantastic thing for poor and hungry children.
ReplyDeleteAll this using only among those few thousand daytoday words. No heavy urdu words, no philosophical heaviness and yet profoundly deep.
Unsettling and amazing.
Sir I love your attitude
ReplyDelete2020 मार्च, अप्रैल , मई... आज की स्तीथी यही है
ReplyDeleteजो पीयूषजिने अपने रचना में बतायी. आज रोजगार रोटीके तरस रहा है.. और बात फर्स की नही चांद की छाव की हो रही.. एक तरफ धूप में मजूर सोता हुआ एक तरफ शाषक आश्वासणोकी लोरीया सुनाता हूआ.. बडी सुकून से खुनी कहाणी उस बगल मै लिखी जा रही है.. इस बगल मे हम तैयार हो रहे है.. अपने बारी का इंतजार किये🤐
जो पीयूषजिने अपने रचना में बतायी. आज रोजगार रोटीके तरस रहा है.. और बात फर्स की नही चांद की छाव की हो रही.. एक तरफ धूप में मजूर सोता हुआ एक तरफ शाषक आश्वासणोकी लोरीया सुनाता हूआ.. बडी सुकून से खुनी कहाणी उस बगल मै लिखी जा रही है.. इस बगल मे हम तैयार हो रहे है.. अपने पारी का इंतजार करते हुए 🤐
ReplyDeleteमुझे तो शुरू में ये कविता समझ ही नहीं आयी थी, फिर आपको का पोस्ट पढ़ा तो समझ में आया की मिश्रा जी कहना क्या चाहते है और मनमस्तिक में गैंग ऑफ़ वास्सेपुर चलने लगा.
Delete,राधे राधे,,,,
ReplyDeleteGREAT
ReplyDeleteI am huge fan of piyush mishra sir and his poetry.
ReplyDelete🌸❤
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