Movie/Album: जुअल थीफ (1967)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: लता मंगेशकर, किशोर कुमार
आसमाँ के नीचे, हम आज अपने पीछे
प्यार का जहां, बसा के चले
कदम के निशाँ, बना के चले
तुम चले तो फूल जैसे आँचल के रँग से
सज गई राहें, सज गई राहें
पास आओ मैं पहना दूँ, चाहत का हार ये
खुली खुली बाहें, खुली खुली बाहें
जिसका हो आँचल खुद ही चमन
कहिये, वो क्यूँ, हार बाहों के डाले
आसमाँ के नीचे...
बोलती हैं आज आँखें कुछ भी न आज तुम
कहने दो हमको, कहने दो हमको
बेखुदी बढ़ती चली है, अब तो ख़ामोश ही
रहने दो हमको, रहने दो हमको
एक बार, एक बार, मेरे लिये
कह दो, खनकें, लाल होंठों के प्याले
आसमाँ के नीचे...
साथ मेरे चलके देखो आई हैं धूम से
अब की बहारें, अब की बहारें
हर गली हर मोड़ पे वो दोनों के नाम से
हमको पुकारे, तुमको पुकारे
कह दो बहारों से, आएँ इधर
उन तक, उठकर, हम नहीं जाने वाले
आसमाँ के नीचे...
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: लता मंगेशकर, किशोर कुमार
आसमाँ के नीचे, हम आज अपने पीछे
प्यार का जहां, बसा के चले
कदम के निशाँ, बना के चले
तुम चले तो फूल जैसे आँचल के रँग से
सज गई राहें, सज गई राहें
पास आओ मैं पहना दूँ, चाहत का हार ये
खुली खुली बाहें, खुली खुली बाहें
जिसका हो आँचल खुद ही चमन
कहिये, वो क्यूँ, हार बाहों के डाले
आसमाँ के नीचे...
बोलती हैं आज आँखें कुछ भी न आज तुम
कहने दो हमको, कहने दो हमको
बेखुदी बढ़ती चली है, अब तो ख़ामोश ही
रहने दो हमको, रहने दो हमको
एक बार, एक बार, मेरे लिये
कह दो, खनकें, लाल होंठों के प्याले
आसमाँ के नीचे...
साथ मेरे चलके देखो आई हैं धूम से
अब की बहारें, अब की बहारें
हर गली हर मोड़ पे वो दोनों के नाम से
हमको पुकारे, तुमको पुकारे
कह दो बहारों से, आएँ इधर
उन तक, उठकर, हम नहीं जाने वाले
आसमाँ के नीचे...
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