Movie/Album: सफ़र (1970)
Music By: कल्याणजी-आनंदजी
Lyrics By: इन्दीवर
Performed By: किशोर कुमार
जीवन से भरी तेरी आँखें
मजबूर करें जीने के लिए
सागर भी तरसते रहते हैं
तेरे रूप का रस पीने के लिए
तस्वीर बनाये क्या कोई
क्या कोई लिखे तुझपे कविता
रंगों छंदों में समाएगी
किस तरह से इतनी सुंदरता
इक धड़कन है तू दिल के लिए
एक जान है तू जीने के लिए
जीवन से भरी...
मधुबन की सुगंध है साँसों में
बाहों में कमल की कोमलता
किरणों का तेज है चेहरे पे
हिरणों की है तुझमें चंचलता
आँचल का तेरे है तार बहुत
कोई चाक जिगर सीने के लिए
जीवन से भरी...
Music By: कल्याणजी-आनंदजी
Lyrics By: इन्दीवर
Performed By: किशोर कुमार
जीवन से भरी तेरी आँखें
मजबूर करें जीने के लिए
सागर भी तरसते रहते हैं
तेरे रूप का रस पीने के लिए
तस्वीर बनाये क्या कोई
क्या कोई लिखे तुझपे कविता
रंगों छंदों में समाएगी
किस तरह से इतनी सुंदरता
इक धड़कन है तू दिल के लिए
एक जान है तू जीने के लिए
जीवन से भरी...
मधुबन की सुगंध है साँसों में
बाहों में कमल की कोमलता
किरणों का तेज है चेहरे पे
हिरणों की है तुझमें चंचलता
आँचल का तेरे है तार बहुत
कोई चाक जिगर सीने के लिए
जीवन से भरी...
Jab bhi ye song sunta hu.... Ankhon se na jane kyun aansu jhalak jate hain.... I really like this song
ReplyDeleteAisa song Puri duniya me nhi bn skta or Rajesh Khannaji ki acting lajwab
ReplyDeleteबेशक,
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति है ये गाना...गाकर दिल भर आता है...D#minor scale में है ये शायद...👍👍
किशोर कुमार के बेहतरीन गायकी मे से एक है ये गाना, सच मे मंत्र मुग्ध कर देता है, गजब कि कशिश है इस गाने मे ��������������
ReplyDeleteI love the song and I love to sing this song! The evergreen melody by Kishorda🙏🙏
ReplyDelete