Movie/Album: तीन देवियाँ (1965)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार
ख़्वाब हो तुम या कोई हक़ीक़त, कौन हो तुम बतलाओ
देर से कितनी दूर खड़ी हो, और करीब आ जाओ
सुबह पे जिस तरह, शाम का हो गुमां
ज़ुल्फ़ों में इक चेहरा, कुछ ज़ाहिर, कुछ निहार
ख़्वाब हो तुम या...
धड़कनों ने सुनी, एक सदा पाँव की
और दिल पे लहराई, आँचल की छाँव सी
ख़्वाब हो तुम या...
मिल ही जाती हो तुम, मुझको हर मोड़ पे
चल देती हो कितने, अफ़साने छोड़ के
ख़्वाब हो तुम या...
फिर पुकारो मुझे, फिर मेरा नाम लो
गिरता हूँ फिर अपनी बाहों में थाम लो
ख़्वाब हो तुम या...
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार
ख़्वाब हो तुम या कोई हक़ीक़त, कौन हो तुम बतलाओ
देर से कितनी दूर खड़ी हो, और करीब आ जाओ
सुबह पे जिस तरह, शाम का हो गुमां
ज़ुल्फ़ों में इक चेहरा, कुछ ज़ाहिर, कुछ निहार
ख़्वाब हो तुम या...
धड़कनों ने सुनी, एक सदा पाँव की
और दिल पे लहराई, आँचल की छाँव सी
ख़्वाब हो तुम या...
मिल ही जाती हो तुम, मुझको हर मोड़ पे
चल देती हो कितने, अफ़साने छोड़ के
ख़्वाब हो तुम या...
फिर पुकारो मुझे, फिर मेरा नाम लो
गिरता हूँ फिर अपनी बाहों में थाम लो
ख़्वाब हो तुम या...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...