Movie/Album: महबूब की मेहँदी (1971)
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: मो.रफ़ी, लता मंगेशकर
इतना तो याद है मुझे, के उनसे मुलाक़ात हुई
बाद में जाने क्या हुआ, न जाने क्या बात हुई
वादे वफ़ा के करके, कसमें उठा के
किसी पे दिल लूटा के, चला आया
नज़रे मिला के, नींद अपनी गवां के
कसक दिल में बसा के, चला आया
दिन तो गुजर जाएगा, क्या होगा जब रात हुई
इतना तो याद है मुझे..
मारे हया के, मैं तो आँखे झूका के
ज़रा दामन बचा के चली आयी
परदा हटा के, उनकी बातों में आके
उन्हें सूरत दिखा के चली आई
किस से शिकायत करूँ, शरारत मेरे साथ हुई
इतना तो याद है मुझे..
थी एक कहानी, पहले ये जिंदगानी
उन्हें देखा तो जीना मुझे आया
दिलबर ओ जानी, शर्म से पानी पानी
हुई मैं बस, पसीना मुझे आया
ऐसे मैं भीग गयी, जैसे के बरसात हुई
इतना तो याद है मुझे..
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: मो.रफ़ी, लता मंगेशकर
इतना तो याद है मुझे, के उनसे मुलाक़ात हुई
बाद में जाने क्या हुआ, न जाने क्या बात हुई
वादे वफ़ा के करके, कसमें उठा के
किसी पे दिल लूटा के, चला आया
नज़रे मिला के, नींद अपनी गवां के
कसक दिल में बसा के, चला आया
दिन तो गुजर जाएगा, क्या होगा जब रात हुई
इतना तो याद है मुझे..
मारे हया के, मैं तो आँखे झूका के
ज़रा दामन बचा के चली आयी
परदा हटा के, उनकी बातों में आके
उन्हें सूरत दिखा के चली आई
किस से शिकायत करूँ, शरारत मेरे साथ हुई
इतना तो याद है मुझे..
थी एक कहानी, पहले ये जिंदगानी
उन्हें देखा तो जीना मुझे आया
दिलबर ओ जानी, शर्म से पानी पानी
हुई मैं बस, पसीना मुझे आया
ऐसे मैं भीग गयी, जैसे के बरसात हुई
इतना तो याद है मुझे..
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