Movie/Album: चेतना (1970)
Music By: सपन जगमोहन
Lyrics By:नक्श ल्यालपुरी
Performed By: मुकेश
मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूँगा सदा
मेरी आवाज़ को, दर्द के साज़ को, तू सुने ना सुने
मुझे देखकर कह रहे हैं सभी
मोहब्बत का हासिल है दीवानगी
प्यार की राह में, फूल भी थे मगर
मैंने कांटे चुने
मैं तो हर मोड़ पर...
जहाँ दिल झुका था वहीँ सर झुका
मुझे कोई सजदों से रोकेगा क्या
काश टूटे ना वो, आरज़ू में मेरी
ख्वाब हैं जो बुने
मैं तो हर मोड़ पर...
Sad
मेरी ज़िन्दगी में वो ही गम रहा
तेरा साथ भी तो बहुत कम रहा
दिल ने, साथी मेरे, तेरी चाहत में थे
ख्वाब क्या क्या बुने
मैं तो हर मोड़ पर...
तेरे गेसूओं का वो साया कहाँ
वो बाहों का तेरी सहारा कहाँ
अब वो आँचल कहाँ, मेरी पलकों से
जो भीगे मोती चुने
मैं तो हर मोड़ पर...
Music By: सपन जगमोहन
Lyrics By:नक्श ल्यालपुरी
Performed By: मुकेश
मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूँगा सदा
मेरी आवाज़ को, दर्द के साज़ को, तू सुने ना सुने
मुझे देखकर कह रहे हैं सभी
मोहब्बत का हासिल है दीवानगी
प्यार की राह में, फूल भी थे मगर
मैंने कांटे चुने
मैं तो हर मोड़ पर...
जहाँ दिल झुका था वहीँ सर झुका
मुझे कोई सजदों से रोकेगा क्या
काश टूटे ना वो, आरज़ू में मेरी
ख्वाब हैं जो बुने
मैं तो हर मोड़ पर...
Sad
मेरी ज़िन्दगी में वो ही गम रहा
तेरा साथ भी तो बहुत कम रहा
दिल ने, साथी मेरे, तेरी चाहत में थे
ख्वाब क्या क्या बुने
मैं तो हर मोड़ पर...
तेरे गेसूओं का वो साया कहाँ
वो बाहों का तेरी सहारा कहाँ
अब वो आँचल कहाँ, मेरी पलकों से
जो भीगे मोती चुने
मैं तो हर मोड़ पर...
Very nice song
ReplyDelete