Movie/Album: शराबी (1964)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजिंदर कृष्ण
Performed By: मो.रफ़ी, आशा भोंसले
तुम हो हसीं कहाँ के
हम चाँद आसमां के
हाय हाय गरूर इतना
हाँ हाँ हुज़ूर इतना
उफ़ ये अदा, हाय ये नशा
हा हा हा
करते हो बात बढ़-बढ़ के दिन जो शबाब के ठहरे
क्या तीर मेरी नज़रों के दिल में जनाब के ठहरे
उफ़ ये ग़ज़ब, हाय हाय ये ढप
हाय हाय हाय
तुम हो हसीं कहाँ के...
ओये होए ये चाल का जादू, डर है ज़मीं ना फट जाए
सीने को थाम कर रखो, दिल न जगह से हट जाए
उफ़ ये अकड़, हाय ये पकड़
हाय हाय हाय
तुम हो हसीं कहाँ के...
क्या रब जो हुस्न वालों को कैसा मिजाज़ देता है
जीवन में सेज फूलों की, मरने पे ताज देता है
हाय ये गुमां, जाए कहाँ
हाय हाय हाय
तुम हो हसीं कहाँ के...
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजिंदर कृष्ण
Performed By: मो.रफ़ी, आशा भोंसले
तुम हो हसीं कहाँ के
हम चाँद आसमां के
हाय हाय गरूर इतना
हाँ हाँ हुज़ूर इतना
उफ़ ये अदा, हाय ये नशा
हा हा हा
करते हो बात बढ़-बढ़ के दिन जो शबाब के ठहरे
क्या तीर मेरी नज़रों के दिल में जनाब के ठहरे
उफ़ ये ग़ज़ब, हाय हाय ये ढप
हाय हाय हाय
तुम हो हसीं कहाँ के...
ओये होए ये चाल का जादू, डर है ज़मीं ना फट जाए
सीने को थाम कर रखो, दिल न जगह से हट जाए
उफ़ ये अकड़, हाय ये पकड़
हाय हाय हाय
तुम हो हसीं कहाँ के...
क्या रब जो हुस्न वालों को कैसा मिजाज़ देता है
जीवन में सेज फूलों की, मरने पे ताज देता है
हाय ये गुमां, जाए कहाँ
हाय हाय हाय
तुम हो हसीं कहाँ के...
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