Movie/ Album: आन (1952)
Music By: नौशाद अली
Lyrics By: शकिल बदायुनी
Performed By: मो.रफ़ी
मान मेरा एहसान, अरे नादान
कि मैंने तुझसे किया है प्यार
मेरी नज़र की धूप, न भरती रूप
तो होता हुस्न तेरा बेकार
मैंने तुझसे किया है प्यार...
उल्फ़त न सही, नफ़रत ही सही
इसको भी मुहब्बत कहते हैं
तू लाख छुपाए भेद
मगर हम दिल में समाए रहते हैं
तेरे भी दिल में आग उठी है जाग
ज़बाँ से चाहे न कर इक़रार
मैंने तुझसे किया...
अपना न बना लूँ तुझको अगर
इक रोज़ तो मेरा नाम नहीं
पत्थर का जिगर पानी कर दूँ
ये तो कोई मुश्किल काम नहीं
छोड़ दे अब ये खेल, तू कर ले मेल मेरे संग
मान ले अपनी हार
मैंने तुझसे किया...
मान मेरा एहसान...
Music By: नौशाद अली
Lyrics By: शकिल बदायुनी
Performed By: मो.रफ़ी
मान मेरा एहसान, अरे नादान
कि मैंने तुझसे किया है प्यार
मेरी नज़र की धूप, न भरती रूप
तो होता हुस्न तेरा बेकार
मैंने तुझसे किया है प्यार...
उल्फ़त न सही, नफ़रत ही सही
इसको भी मुहब्बत कहते हैं
तू लाख छुपाए भेद
मगर हम दिल में समाए रहते हैं
तेरे भी दिल में आग उठी है जाग
ज़बाँ से चाहे न कर इक़रार
मैंने तुझसे किया...
अपना न बना लूँ तुझको अगर
इक रोज़ तो मेरा नाम नहीं
पत्थर का जिगर पानी कर दूँ
ये तो कोई मुश्किल काम नहीं
छोड़ दे अब ये खेल, तू कर ले मेल मेरे संग
मान ले अपनी हार
मैंने तुझसे किया...
मान मेरा एहसान...
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