Movie/Album: नाजायज़ (1995)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: इन्दीवर
Performed By: कुमार सानू, रूप कुमार राठोड़
बरसात के मौसम में
तन्हाई के आलम में
मैं घर से निकल आया
बोतल भी उठा लाया
अभी ज़िन्दा हूँ तो जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
अभी ज़िन्दा हूँ...
मुझे टुकड़ों में नहीं जीना है
कतरा-कतरा तो नहीं पीना है
आज पैमाने हटा दो यारों
सारा मयखाना पिला दो यारों
मयकदों में तो पिया करता हूँ
चलती राहों में भी पी लेने दो
अभी ज़िन्दा हूँ...
मेरे दुश्मन हैं ज़माने के ग़म
बाद पीने के ये होंगे कम
ज़ुल्म दुनिया के ना सह पाऊँगा
बिन पिये आज न रह पाऊँगा
मुझे हालात से टकराना है
ऐसे हालात में पी लेने दो
अभी ज़िन्दा हूँ...
आज की शाम बड़ी बोझिल है
आज की रात बड़ी कातिल है
आज की शाम ढलेगी कैसे
आज की रात कटेगी कैसे
आग से आग बुझेगी दिल की
मुझे ये आग भी पी लेने दो
अभी ज़िन्दा हूँ...
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: इन्दीवर
Performed By: कुमार सानू, रूप कुमार राठोड़
बरसात के मौसम में
तन्हाई के आलम में
मैं घर से निकल आया
बोतल भी उठा लाया
अभी ज़िन्दा हूँ तो जी लेने दो
भरी बरसात में पी लेने दो
अभी ज़िन्दा हूँ...
मुझे टुकड़ों में नहीं जीना है
कतरा-कतरा तो नहीं पीना है
आज पैमाने हटा दो यारों
सारा मयखाना पिला दो यारों
मयकदों में तो पिया करता हूँ
चलती राहों में भी पी लेने दो
अभी ज़िन्दा हूँ...
मेरे दुश्मन हैं ज़माने के ग़म
बाद पीने के ये होंगे कम
ज़ुल्म दुनिया के ना सह पाऊँगा
बिन पिये आज न रह पाऊँगा
मुझे हालात से टकराना है
ऐसे हालात में पी लेने दो
अभी ज़िन्दा हूँ...
आज की शाम बड़ी बोझिल है
आज की रात बड़ी कातिल है
आज की शाम ढलेगी कैसे
आज की रात कटेगी कैसे
आग से आग बुझेगी दिल की
मुझे ये आग भी पी लेने दो
अभी ज़िन्दा हूँ...
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