Movie/Album: कुदरत (1981)
Music By: राहुल देव बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार, अनेट पिंटो
छोड़ो सनम काहे का गम
हँसते रहो खिलते रहो
मिट जाएगा सारा गिला
हमसे गले मिलते रहो
छोड़ो सनम काहे का...
मुस्कुराती हसीन आँखों से
देखो-देखो समां बदलता है कैसे
जान-ए-जहां चेहरे की रंगत
खुल जाती है ऐसे
छोड़ो सनम काहे का...
आओ मिलकर के यूँ बहक जाएँ
के महक जाए आज होठों की कलियाँ
झूमे फ़िज़ा, ये गलियाँ बन जाए
फूलों की गलियाँ
छोड़ो सनम काहे का...
Music By: राहुल देव बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार, अनेट पिंटो
छोड़ो सनम काहे का गम
हँसते रहो खिलते रहो
मिट जाएगा सारा गिला
हमसे गले मिलते रहो
छोड़ो सनम काहे का...
मुस्कुराती हसीन आँखों से
देखो-देखो समां बदलता है कैसे
जान-ए-जहां चेहरे की रंगत
खुल जाती है ऐसे
छोड़ो सनम काहे का...
आओ मिलकर के यूँ बहक जाएँ
के महक जाए आज होठों की कलियाँ
झूमे फ़िज़ा, ये गलियाँ बन जाए
फूलों की गलियाँ
छोड़ो सनम काहे का...
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