Movie/Album: नाजायज़ (1995)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: इन्दीवर
Performed By: अल्का याग्निक, इला अरुण
हम्म ये क्या हुआ
हाय ये तेरा चेहरा, देख तो उड़ा-उड़ा
हाय ये क्या हुआ
ये कुर्ती मसक गई, चुनरी सरक गई
पाँव पड़ते हैं उधर, ध्यान तेरा है किधर
किसी ने तुझको छुआ
कुछ ना कुछ गोरी हुआ
बोल ये कैसे हुआ
नींद के मारे
दरवज्जा खुल्ला छोड़ आई, नींद के मारे
मैं जाने क्या-क्या तोड़ आई, नींद के मारे
दरवज्जा खुल्ला छोड़...
रात मोरे सैय्याँ ने पानी माँगा
रात तोरे सैय्याँ ने पानी माँगा
अरे पिलाया क्या
मैं कुँए में धकेल आई, नींद के मारे
दरवाज़ा खुल्ला छोड़...
रात मोरे सैय्याँ ने अंडा माँगा
रात तोरे सैय्याँ ने अंडा माँगा
खिलाया क्या
हाय दैय्या
मैं डंडा परोस आई, नींद के मारे
दरवाज़ा खुल्ला छोड़...
रात मोरे सैय्याँ ने बीड़ा माँगा
रात तोरे सैय्याँ ने बीड़ा माँगा
अरे चुना लगाया
मैं चूरन चटाये आई, नींद के मारे
दरवज्जा खुल्ला छोड़...
रात मोरे सैय्याँ ने कुरता माँगा
राते तोरे सैय्याँ ने कुरता माँगा
अभी क्या गज़ब कर आई
मैं अंगिया पहनाय आई, नींद के मारे
दरवज्जा खुल्ला छोड़...
रात मोरे सैय्याँ ने तकिया माँगा
रात तोरे सैय्याँ ने तकिया माँगा
कुछ ना कुछ कर आई
पड़ोसन सुलाय आई, नींद के मारे
अरे सोय पड़ोसन, सिंगार तेरा छूटा
ईंट कहीं मारी और अनार कहीं टूटा
गोली कहीं दागी और गोली कहीं लागी
हमसे कही सोयी और तू पिया संग जागी
तू सही काम कर आई नींद के मारे
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: इन्दीवर
Performed By: अल्का याग्निक, इला अरुण
हम्म ये क्या हुआ
हाय ये तेरा चेहरा, देख तो उड़ा-उड़ा
हाय ये क्या हुआ
ये कुर्ती मसक गई, चुनरी सरक गई
पाँव पड़ते हैं उधर, ध्यान तेरा है किधर
किसी ने तुझको छुआ
कुछ ना कुछ गोरी हुआ
बोल ये कैसे हुआ
नींद के मारे
दरवज्जा खुल्ला छोड़ आई, नींद के मारे
मैं जाने क्या-क्या तोड़ आई, नींद के मारे
दरवज्जा खुल्ला छोड़...
रात मोरे सैय्याँ ने पानी माँगा
रात तोरे सैय्याँ ने पानी माँगा
अरे पिलाया क्या
मैं कुँए में धकेल आई, नींद के मारे
दरवाज़ा खुल्ला छोड़...
रात मोरे सैय्याँ ने अंडा माँगा
रात तोरे सैय्याँ ने अंडा माँगा
खिलाया क्या
हाय दैय्या
मैं डंडा परोस आई, नींद के मारे
दरवाज़ा खुल्ला छोड़...
रात मोरे सैय्याँ ने बीड़ा माँगा
रात तोरे सैय्याँ ने बीड़ा माँगा
अरे चुना लगाया
मैं चूरन चटाये आई, नींद के मारे
दरवज्जा खुल्ला छोड़...
रात मोरे सैय्याँ ने कुरता माँगा
राते तोरे सैय्याँ ने कुरता माँगा
अभी क्या गज़ब कर आई
मैं अंगिया पहनाय आई, नींद के मारे
दरवज्जा खुल्ला छोड़...
रात मोरे सैय्याँ ने तकिया माँगा
रात तोरे सैय्याँ ने तकिया माँगा
कुछ ना कुछ कर आई
पड़ोसन सुलाय आई, नींद के मारे
अरे सोय पड़ोसन, सिंगार तेरा छूटा
ईंट कहीं मारी और अनार कहीं टूटा
गोली कहीं दागी और गोली कहीं लागी
हमसे कही सोयी और तू पिया संग जागी
तू सही काम कर आई नींद के मारे
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