Movie/Album: अग्नि साक्षी (1996)
Music By: नदीम-श्रवण
Lyrics By: समीर
Performed By: कविता कृष्णामूर्ति
इकरार करना मुश्किल है
इंकार करना मुश्किल है
महबूब से मोहब्बत का
इज़हार करना मुश्किल है
हो कितना मुश्किल है देखो
इस दुनिया में दिल लगाना
ओ यारा दिल लगाना
कितना मुश्किल है...
चाहत में दिल किसी दिन जब बेक़रार होता है
शाम-ओ-सहर किसी का तब इंतज़ार होता है
मीठा-सा दर्द ले के आये कोई ख्यालों में
बेताब दिल हमेशा उलझा रहे सवालों में
हो कितना मुश्किल है देखो
इस दुनिया में दिल चुराना
ओ यारा दिल चुराना...
नज़रें मिलेंगी ऐसे ये दिल तो धड़क उठेगा
मानेगा ना ये कहना, उल्फ़त में तड़प उठेगा
कोई वफ़ा के दम से बेचैन कर के जायेगा
आयेगा रोज़ ख़्वाबों में नींदें चुरा के जायेगा
हो कितना मुश्किल है देखो
इस दुनिया में दिल लुभाना
ओ यारा दिल लुभाना...
Music By: नदीम-श्रवण
Lyrics By: समीर
Performed By: कविता कृष्णामूर्ति
इकरार करना मुश्किल है
इंकार करना मुश्किल है
महबूब से मोहब्बत का
इज़हार करना मुश्किल है
हो कितना मुश्किल है देखो
इस दुनिया में दिल लगाना
ओ यारा दिल लगाना
कितना मुश्किल है...
चाहत में दिल किसी दिन जब बेक़रार होता है
शाम-ओ-सहर किसी का तब इंतज़ार होता है
मीठा-सा दर्द ले के आये कोई ख्यालों में
बेताब दिल हमेशा उलझा रहे सवालों में
हो कितना मुश्किल है देखो
इस दुनिया में दिल चुराना
ओ यारा दिल चुराना...
नज़रें मिलेंगी ऐसे ये दिल तो धड़क उठेगा
मानेगा ना ये कहना, उल्फ़त में तड़प उठेगा
कोई वफ़ा के दम से बेचैन कर के जायेगा
आयेगा रोज़ ख़्वाबों में नींदें चुरा के जायेगा
हो कितना मुश्किल है देखो
इस दुनिया में दिल लुभाना
ओ यारा दिल लुभाना...
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