Movie/Album: बॉम्बे (1995)
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: महबूब
Performed By: कविता कृष्णामूर्ति, उदित नारायण, जी.वी. प्रकाश
कुची कुची रकमा सुन लो तुम
अच्छी अच्छी गुड़िया दे दो तुम
सारा जहां सो गया, चाँद कहीं खो गया
कुची कुची रकमा
अच्छी अच्छी गुड़िया
कुची कुची रकमा पास आओ ना
एक अच्छी अच्छी गुड़िया दे दो ना
सारा जहां सो गया, चाँद कहीं खो गया
कुची कुची रकमा
अच्छी अच्छी गुड़िया
कुची कुची रकमा पास आये ना
एक प्यारी-प्यारी गुड़िया ना दे ना
सारा जहां सोया नहीं, चाँद कहीं खोया नहीं
कुची कुची रकमा
नाचे मोर पानी में छम-छम
गाये कोयल दिल चाहे सरगम
चाहे खिलती कली शबनम
हे अब एक बेटी चाहें हम
ऐसे मत कहो कुछ भी तुम
नज़र फेर लो हमसे तुम
बहुत हसीं ये नज़ारे हैं
बस इनको देखो तुम
आया प्यार का ये मौसम
राग मिलन का छेड़े हम
डाल-डाल पे फूल खिले
खाली पड़े हैं क्यूँ सावन के झूले
बस दे दे एक कुड़ी
बस रहो दूर यूँ हीं
पास आ के तुझसे तो दूर रहा जाये ना
कुची कुची रकमा...
तेरे बिना दिन रात भी क्या
तेरे बिना ये जीवन क्या
तू नहीं तो मैं कुछ भी नहीं
पर ज़िद बोलो ये क्या
और यही बस चाहूँ मैं
तुझसी इक हसीं गुड़िया मिले
तू है रात दिवाली की
वो ईद का चाँद लगे
बहुत प्यारा है तेरा ख्याल
तेरे ख्याल का क्या कहना
पर ज़िद अब ये दिल से निकाल
ये हम ना मानेंगे चाहे कुछ कर ले
छोड़ दे आस ये
दिल ना तोड़िए
तेरी ऐसी मीठी-मीठी बातों में हम आये ना
कुची कुची रकमा...
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: महबूब
Performed By: कविता कृष्णामूर्ति, उदित नारायण, जी.वी. प्रकाश
कुची कुची रकमा सुन लो तुम
अच्छी अच्छी गुड़िया दे दो तुम
सारा जहां सो गया, चाँद कहीं खो गया
कुची कुची रकमा
अच्छी अच्छी गुड़िया
कुची कुची रकमा पास आओ ना
एक अच्छी अच्छी गुड़िया दे दो ना
सारा जहां सो गया, चाँद कहीं खो गया
कुची कुची रकमा
अच्छी अच्छी गुड़िया
कुची कुची रकमा पास आये ना
एक प्यारी-प्यारी गुड़िया ना दे ना
सारा जहां सोया नहीं, चाँद कहीं खोया नहीं
कुची कुची रकमा
नाचे मोर पानी में छम-छम
गाये कोयल दिल चाहे सरगम
चाहे खिलती कली शबनम
हे अब एक बेटी चाहें हम
ऐसे मत कहो कुछ भी तुम
नज़र फेर लो हमसे तुम
बहुत हसीं ये नज़ारे हैं
बस इनको देखो तुम
आया प्यार का ये मौसम
राग मिलन का छेड़े हम
डाल-डाल पे फूल खिले
खाली पड़े हैं क्यूँ सावन के झूले
बस दे दे एक कुड़ी
बस रहो दूर यूँ हीं
पास आ के तुझसे तो दूर रहा जाये ना
कुची कुची रकमा...
तेरे बिना दिन रात भी क्या
तेरे बिना ये जीवन क्या
तू नहीं तो मैं कुछ भी नहीं
पर ज़िद बोलो ये क्या
और यही बस चाहूँ मैं
तुझसी इक हसीं गुड़िया मिले
तू है रात दिवाली की
वो ईद का चाँद लगे
बहुत प्यारा है तेरा ख्याल
तेरे ख्याल का क्या कहना
पर ज़िद अब ये दिल से निकाल
ये हम ना मानेंगे चाहे कुछ कर ले
छोड़ दे आस ये
दिल ना तोड़िए
तेरी ऐसी मीठी-मीठी बातों में हम आये ना
कुची कुची रकमा...
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