सलाम-ए-इश्क मेरी जाँ - Salaam-e-Ishq Meri Jaan (Lata Mangeshkar, Kishore Kumar, Muqaddar Ka Sikandar)

Movie/Album: मुक़द्दर का सिकंदर (1979)
Music By: कल्याणी-आनंदजी
Lyrics By: अनजान
Performed By: लता मंगेशकर, किशोर कुमार

इश्क़ वालों से न पूछो
कि उनकी रात का आलम
तन्हाँ कैसे गुज़रता है
जुदा हो हमसफ़र जिसका
वो उसको याद करता है
न हो जिसका कोई वो
मिलने की फ़रियाद करता है

सलाम-ए-इश्क़ मेरी जाँ
ज़रा क़ुबूल कर लो
तुम हमसे प्यार करने की
ज़रा सी भूल कर लो
मेरा दिल बेचैन, मेरा दिल बेचैन है
हमसफ़र के लिये
सलाम-ए-इश्क़ मेरी जाँ...

मैं सुनाऊँ तुम्हें बात इक रात की
चांद भी अपनी पूरी जवानी पे था
दिल में तूफ़ान था, एक अरमान था
दिल का तूफ़ान अपनी रवानी पे था
एक बादल उधर से चला झूम के
देखते-देखते चांद पर छा गया
चांद भी खो गया उसकी आगोश में
उफ़ ये क्या हो गया जोश ही जोश में
मेरा दिल धड़का
मेरा दिल तड़पा किसी की नज़र के लिये
सलामे-इश्क़ मेरी जाँ...

इसके आगे की अब दास्ताँ मुझसे सुन
सुन के तेरी नज़र डबडबा जाएगी
बात दिल की जो अब तक तेरे दिल में थी
मेरा दावा है होंठों पे आ जाएगी
तू मसीहा मुहब्बत के मारों का है
हम तेरा नाम सुन के चले आए हैं
अब दवा दे हमें या तू दे दे ज़हर
तेरी महफ़िल में ये दिलजले आए हैं
एक एहसान कर, एहसान कर
एक एहसान कर अपने मेहमान पर
अपने मेहमान पर एक एहसान कर
दे दुआएँ, दे दुआएँ तुझे उम्र भर के लिये
सलामे-इश्क़ मेरी जाँ...

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