Movie/Album: दम लगा के हईशा (2015)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: वरूण ग्रोवर
Performed By: कुमार सानू, साधना सरगम
खुदा से ज़्यादा तुम पे ऐतबार करते हैं
गुनाह है जान के भी बार-बार करते हैं
बार-बार करते हैं
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखता हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा
कोरे-कोरे कागज़ जिनपे बेकस
कोरे-कोरे कागज़ जिनपे बेकस
लिखता हूँ ये खुलासा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीना लगा वो ही जिसे इश्क ने मारा
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखती हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा
कोरे-कोरे कागज़ जिनपे बेकस
कोरे-कोरे कागज़ जिनपे बेकस
लिखती हूँ ये खुलासा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीना लगा वो ही जिसे इश्क ने मारा
अभी-अभी धूप थी यहाँ पे लो
अब बरसातों की धारा
जेब है खाली, प्यार के सिक्कों से
आओ कर लें गुज़ारा
कभी-कभी आईने से पूछा है
किसने रूप सँवारा
कभी लगूँ मोहिनी
कभी लगूँ चाँदनी
कभी चमकीला सितारा
कितना संभल लें, बचकर चल लें
दिल तो ढीठ आवारा
तुमसे मिले दिल में उठा...
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: वरूण ग्रोवर
Performed By: कुमार सानू, साधना सरगम
खुदा से ज़्यादा तुम पे ऐतबार करते हैं
गुनाह है जान के भी बार-बार करते हैं
बार-बार करते हैं
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखता हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा
कोरे-कोरे कागज़ जिनपे बेकस
कोरे-कोरे कागज़ जिनपे बेकस
लिखता हूँ ये खुलासा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीना लगा वो ही जिसे इश्क ने मारा
तू मेरी है प्रेम की भाषा
लिखती हूँ तुझे रोज़ ज़रा सा
कोरे-कोरे कागज़ जिनपे बेकस
कोरे-कोरे कागज़ जिनपे बेकस
लिखती हूँ ये खुलासा
तुमसे मिले दिल में उठा दर्द करारा
जीना लगा वो ही जिसे इश्क ने मारा
अभी-अभी धूप थी यहाँ पे लो
अब बरसातों की धारा
जेब है खाली, प्यार के सिक्कों से
आओ कर लें गुज़ारा
कभी-कभी आईने से पूछा है
किसने रूप सँवारा
कभी लगूँ मोहिनी
कभी लगूँ चाँदनी
कभी चमकीला सितारा
कितना संभल लें, बचकर चल लें
दिल तो ढीठ आवारा
तुमसे मिले दिल में उठा...
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