Movie/Album: ऑल इज़ वेल (2015)
Music By: अमाल मलिक
Lyrics By: शब्बीर अहमद
Performed By: विशाल ददलानी, अरमान मलिक, बादशाह
रूल सारे ब्रेक करो
जो कभी ना किया वो करो
पार्टी करने का मूड बने तो
वीकेंड का ना वेट करो
अरे काॅमन ये सबके विचार होने चाहिए
हफ़्ते में चार शनिवार होने चाहिए
हफ़्ते में चार शनिवार होने चाहिए
शनिवार बोले तो सैटरडे, वो भी चार-चार
कभी ऐसा भी हो, सूरज छुट्टी पे हो
घड़ी के काँटे मुट्ठी में हो
इन द लंबी लिमो, फुल-ऑन मस्ती भी हो
साथ में हाॅट ब्यूटी भी हो
अरे स्पीकर का वाॅल्यूम हज़ार होना चाहिए
हफ़्ते में चार शनिवार...
बादशाह:
मैंने कहा पार्टी करो, कहना क्यूँ नहीं मानते
जीने के दिन होते हैं, बस चार इंसान के
शरमाना और घबराना, ये दोनो चीज़ें छोड़ दो
रूल्स और डांस फ्लोर, ये दोनों चीज़ें तोड़ दो
जब ये गाना बजेगा तो ऑटोमैटिकली ही तू डांस करेगा
कान के नीचे दे दूँगा, जो कभी फालतू बकवास करेगा
जिसने पार्टी नहीं करनी
दे कैन गो टू हेल
बच्चन बाॅय इज़ इन द हाउस
बेबी ऑल इज़ वेल, कमाॅन, ऑल इज़ वेल
साल के यार गिन 365 दिन
52 ही शनिवार हैं
कर कैलेंडर को फ्लश, छोड़ दे सारे रश
दिन जवानी के बस चार हैं
वर्ल्डवाइड यही प्रचार होने चाहिए
हफ़्ते में चार शनिवार...
Music By: अमाल मलिक
Lyrics By: शब्बीर अहमद
Performed By: विशाल ददलानी, अरमान मलिक, बादशाह
रूल सारे ब्रेक करो
जो कभी ना किया वो करो
पार्टी करने का मूड बने तो
वीकेंड का ना वेट करो
अरे काॅमन ये सबके विचार होने चाहिए
हफ़्ते में चार शनिवार होने चाहिए
हफ़्ते में चार शनिवार होने चाहिए
शनिवार बोले तो सैटरडे, वो भी चार-चार
कभी ऐसा भी हो, सूरज छुट्टी पे हो
घड़ी के काँटे मुट्ठी में हो
इन द लंबी लिमो, फुल-ऑन मस्ती भी हो
साथ में हाॅट ब्यूटी भी हो
अरे स्पीकर का वाॅल्यूम हज़ार होना चाहिए
हफ़्ते में चार शनिवार...
बादशाह:
मैंने कहा पार्टी करो, कहना क्यूँ नहीं मानते
जीने के दिन होते हैं, बस चार इंसान के
शरमाना और घबराना, ये दोनो चीज़ें छोड़ दो
रूल्स और डांस फ्लोर, ये दोनों चीज़ें तोड़ दो
जब ये गाना बजेगा तो ऑटोमैटिकली ही तू डांस करेगा
कान के नीचे दे दूँगा, जो कभी फालतू बकवास करेगा
जिसने पार्टी नहीं करनी
दे कैन गो टू हेल
बच्चन बाॅय इज़ इन द हाउस
बेबी ऑल इज़ वेल, कमाॅन, ऑल इज़ वेल
साल के यार गिन 365 दिन
52 ही शनिवार हैं
कर कैलेंडर को फ्लश, छोड़ दे सारे रश
दिन जवानी के बस चार हैं
वर्ल्डवाइड यही प्रचार होने चाहिए
हफ़्ते में चार शनिवार...
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