Movie/Album: बैंग बैंग (2014)
Music By: विशाल-शेखर
Lyrics By: अन्विता दत्त गुप्तन, कुमार
Performed By: ऐश किंग, शिल्पा राव, शेखर रव्जियानी
दिल की मांगे, थोड़ी थी कम
हर दुआ भी, थोड़ी मद्धम
तूने कांधे पे सर झुकाया जब
जैसे दरगाह पे बाँधे धागे तब
बिना माँगे ही मिल गया है सब
मेहरबां हुआ हुआ, मेहरबां हुआ हुआ
मेहरबां हुआ, मेहरबां हुआ रब
दुआ रंग रंगिया यूँ मलंग लाल
लाल रंग रूह की पतंग बांधी
तेरे संग तब ही तो लगा
मेहरबां हुआ रब
हो दिल ये सेहरे सा सजा
मेहरबां हुआ रब
हाथों को तेरे अपने, हाथों में ले लेती हूँ
कि तकदीरे अपनी सारी पढ़ लूँ
आँखों में तेरे छुपते, अरमाँ मैं ढूँढता हूँ
बस तू सोचे और पूरे मैं कर दूँ
अभी-अभी तो हम अधूरे थे, पूरे हो गये तेरे रूबरू
यह भी दिखे ना कहाँ मैं खत्म, कहाँ तू शुरु
आँखें तेरी गिरती हैं जब
अब तो नींदे आती हैं तब
हमको लगता है कुछ दिनों से अब
तू इबादत है, तू ही है मज़हब
बेवजह कैसे, क्यूँ, कहाँ और कब
मेहरबां हुआ...
रब ने बनाया सबको
पर कौन बताए रब को
मर के तुम पे, हम साँस लेते हैं
रब से करूँ जो दुआएँ
अब ये तुझी तक जाएँ
तू जो सुन ले तो सुनता ये रब है
जाने ना जहां, जाने है कहाँ
मिली थी मेरी तेरी हाँ में हाँ
सच है यही तुझसा कहीं, नहीं है नहीं
मेरी राहें, आएँ तुझ तक
इस जनम से, हर जनम तक
वक़्त को रोकें आ ज़रा-सा अब
इसको समझा दें इश्क का मतलब
छोड़ के ज़िद ये मान लेगा अब
मेहरबाँ हुआ...
Music By: विशाल-शेखर
Lyrics By: अन्विता दत्त गुप्तन, कुमार
Performed By: ऐश किंग, शिल्पा राव, शेखर रव्जियानी
दिल की मांगे, थोड़ी थी कम
हर दुआ भी, थोड़ी मद्धम
तूने कांधे पे सर झुकाया जब
जैसे दरगाह पे बाँधे धागे तब
बिना माँगे ही मिल गया है सब
मेहरबां हुआ हुआ, मेहरबां हुआ हुआ
मेहरबां हुआ, मेहरबां हुआ रब
दुआ रंग रंगिया यूँ मलंग लाल
लाल रंग रूह की पतंग बांधी
तेरे संग तब ही तो लगा
मेहरबां हुआ रब
हो दिल ये सेहरे सा सजा
मेहरबां हुआ रब
हाथों को तेरे अपने, हाथों में ले लेती हूँ
कि तकदीरे अपनी सारी पढ़ लूँ
आँखों में तेरे छुपते, अरमाँ मैं ढूँढता हूँ
बस तू सोचे और पूरे मैं कर दूँ
अभी-अभी तो हम अधूरे थे, पूरे हो गये तेरे रूबरू
यह भी दिखे ना कहाँ मैं खत्म, कहाँ तू शुरु
आँखें तेरी गिरती हैं जब
अब तो नींदे आती हैं तब
हमको लगता है कुछ दिनों से अब
तू इबादत है, तू ही है मज़हब
बेवजह कैसे, क्यूँ, कहाँ और कब
मेहरबां हुआ...
रब ने बनाया सबको
पर कौन बताए रब को
मर के तुम पे, हम साँस लेते हैं
रब से करूँ जो दुआएँ
अब ये तुझी तक जाएँ
तू जो सुन ले तो सुनता ये रब है
जाने ना जहां, जाने है कहाँ
मिली थी मेरी तेरी हाँ में हाँ
सच है यही तुझसा कहीं, नहीं है नहीं
मेरी राहें, आएँ तुझ तक
इस जनम से, हर जनम तक
वक़्त को रोकें आ ज़रा-सा अब
इसको समझा दें इश्क का मतलब
छोड़ के ज़िद ये मान लेगा अब
मेहरबाँ हुआ...
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