Movie/Album: जोरू का ग़ुलाम (2000)
Music By: आदेश श्रीवास्तव
Lyrics By: समीर
Performed By: जस्पिंदर नरुला, राजेश मिश्रा
मेरी नज़र चेहरे से अब तेरे हटे ना
तेरे बिना जान मेरी रात कटे ना
एदेख इधर पतली कमर
बाली उमर जान-ए-जिगर
मान भी जा कहना
मेरे दिल को ना तड़पा ए ना ए ना
अरे समझो
ओ गलियों बाज़ारों में
कहीं प्यार बाँटे ना
ऐसे पटाने से कभी लड़की पटे ना
ओ गलियों बाज़ारों में...
अरे यार संभल बच के निकल
चिकने बदन पे ना फिसल
कल के ऐसी बात मेरे दिल को
ना तड़पा ए ना ए अरे बाबा ना
जोबन पे ठहरे ना मुड़ी-मुड़ी जाए
चुनरी हवाओं में उड़ी-उड़ी जाए
अंगिया का पैबन्द खुला-खुला जाए
रंग कोई इस तन में घुला-घुला जाए
ओ उफ्फ़ क्या जवानी है
अंगूरी पानी है
तुझमें है कोई नशा
थोड़ी सी मस्ती है
थोड़ा सा जादू है
मुझमें है थोड़ी हया
अरे देख इधर पतली कमर...
अब ना जिया पे चले मेरा ज़ोर
तू तो लगे मुझको कोई चितचोर
आ बांध ले दिल से दिल की तू डोर
रानी मचाती है क्यूँ इतना शोर
जाने दे जाने दे, ना छेड़ जाने दे
रास्ते में है क्यूँ खड़ा
कातिल निगाहों पे तेरी अदाओं पे
मैं तो हुआ रे फिदा
अरे यार सँभल...
Music By: आदेश श्रीवास्तव
Lyrics By: समीर
Performed By: जस्पिंदर नरुला, राजेश मिश्रा
मेरी नज़र चेहरे से अब तेरे हटे ना
तेरे बिना जान मेरी रात कटे ना
एदेख इधर पतली कमर
बाली उमर जान-ए-जिगर
मान भी जा कहना
मेरे दिल को ना तड़पा ए ना ए ना
अरे समझो
ओ गलियों बाज़ारों में
कहीं प्यार बाँटे ना
ऐसे पटाने से कभी लड़की पटे ना
ओ गलियों बाज़ारों में...
अरे यार संभल बच के निकल
चिकने बदन पे ना फिसल
कल के ऐसी बात मेरे दिल को
ना तड़पा ए ना ए अरे बाबा ना
जोबन पे ठहरे ना मुड़ी-मुड़ी जाए
चुनरी हवाओं में उड़ी-उड़ी जाए
अंगिया का पैबन्द खुला-खुला जाए
रंग कोई इस तन में घुला-घुला जाए
ओ उफ्फ़ क्या जवानी है
अंगूरी पानी है
तुझमें है कोई नशा
थोड़ी सी मस्ती है
थोड़ा सा जादू है
मुझमें है थोड़ी हया
अरे देख इधर पतली कमर...
अब ना जिया पे चले मेरा ज़ोर
तू तो लगे मुझको कोई चितचोर
आ बांध ले दिल से दिल की तू डोर
रानी मचाती है क्यूँ इतना शोर
जाने दे जाने दे, ना छेड़ जाने दे
रास्ते में है क्यूँ खड़ा
कातिल निगाहों पे तेरी अदाओं पे
मैं तो हुआ रे फिदा
अरे यार सँभल...
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