Movie/Album: बसेरा (1981)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: लता मंगेशकर
कभी पास बैठो, किसी फूल के पास
सुनो जब महकता है, बहुत कुछ ये कहता है
ओ कभी गुनगुना के, कभी मुस्कुरा के
कभी चुपके-चुपके, कभी खिलखिला के
जहाँ पे सवेरा हो बसेरा वहीं है
जहाँ पे सवेरा हो बसेरा वहीं है...
ओ कभी छोटे छोटे शबनम के कतरे
देखे तो होंगे सुबह सवेरे
ये नन्हीं सी आँखे, जागी हैं शब भर
बहुत कुछ है दिल में, बस इतना है लब पर
जहाँ पे सवेरा हो...
ना मिट्टी ना गारा, ना सोना सजाना
जहाँ प्यार देखो वहीं घर बनाना
ये दिल की इमारत बनती है दिल से
दिलासों को छू के, उम्मीदों से मिल के
जहाँ पे सवेरा हो
जहाँ पे बसेरा हो, सवेरा वहीं है
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: लता मंगेशकर
कभी पास बैठो, किसी फूल के पास
सुनो जब महकता है, बहुत कुछ ये कहता है
ओ कभी गुनगुना के, कभी मुस्कुरा के
कभी चुपके-चुपके, कभी खिलखिला के
जहाँ पे सवेरा हो बसेरा वहीं है
जहाँ पे सवेरा हो बसेरा वहीं है...
ओ कभी छोटे छोटे शबनम के कतरे
देखे तो होंगे सुबह सवेरे
ये नन्हीं सी आँखे, जागी हैं शब भर
बहुत कुछ है दिल में, बस इतना है लब पर
जहाँ पे सवेरा हो...
ना मिट्टी ना गारा, ना सोना सजाना
जहाँ प्यार देखो वहीं घर बनाना
ये दिल की इमारत बनती है दिल से
दिलासों को छू के, उम्मीदों से मिल के
जहाँ पे सवेरा हो
जहाँ पे बसेरा हो, सवेरा वहीं है
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