Movie/Album: मुझे कुछ कहना है (2001)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: समीर
Performed By: सोनू निगम
रब्बा मेरे रब्बा रब्बा, रब्बा मेरे रब्बा
इस प्यार को मैं क्या नाम दूँ
बेचैन दिल को कैसे आराम दूँ
इस प्यार को मैं...
तनहाई बेताबी, तेरी सौगातें हैं
मेरे इन होंठों पे, बस तेरी ही बातें हैं
कुछ ना कह पाने की, ये क्या मज़बूरी है
नजदीक रह के भी, ये कैसी दूरी है
ख़ामोश होंठों से क्या पैगाम दूँ
बेचैन दिल को कैसे...
हद से ज़्यादा तेरी, चाहत मैं करता हूँ
ये पता नहीं तुझको, मैं तुझ पे मरता हूँ
ये इन्तेहाँ तो देखो, मेरे दीवानेपन की
आवाजें सुनता हूँ मैं, तेरी धड़कन की
इस आगाज़ को क्या अंजाम दूँ
बेचैन दिल को कैसे...
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: समीर
Performed By: सोनू निगम
रब्बा मेरे रब्बा रब्बा, रब्बा मेरे रब्बा
इस प्यार को मैं क्या नाम दूँ
बेचैन दिल को कैसे आराम दूँ
इस प्यार को मैं...
तनहाई बेताबी, तेरी सौगातें हैं
मेरे इन होंठों पे, बस तेरी ही बातें हैं
कुछ ना कह पाने की, ये क्या मज़बूरी है
नजदीक रह के भी, ये कैसी दूरी है
ख़ामोश होंठों से क्या पैगाम दूँ
बेचैन दिल को कैसे...
हद से ज़्यादा तेरी, चाहत मैं करता हूँ
ये पता नहीं तुझको, मैं तुझ पे मरता हूँ
ये इन्तेहाँ तो देखो, मेरे दीवानेपन की
आवाजें सुनता हूँ मैं, तेरी धड़कन की
इस आगाज़ को क्या अंजाम दूँ
बेचैन दिल को कैसे...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...