Movie/Album: ऑक्टोबर (2018)
Music By: अनुपम रॉय
Lyrics By: तनवीर गाज़ी
Performed By: राहत फतह अली खान
मेरी रूह करेगी फ़रियाद
मेरी साँसें कहीं खो जायेंगी
तब भी तू मेरे संग रहना
तब भी तू...
जब राख बनेगा ये सूरज
और धूप धुआं हो जायेगी
तब भी तू...
सजदे की तरह फिर आँखें झुकी
फिर पलकें नमाज़ी हुई
तेरे ज़िक्र में थी कुछ ऐसी नमी
सूखी साँसें भी ताज़ी हुईं
जब उम्र की आवारा बारिश
सब रंग मेरे धो जायेगी
तब भी तू...
तावीज़ है मेरी मुट्ठी में
तावीज़ में है तस्वीर तेरी
उलझी सी लकीरें हाथ में है
तू सुलझाये तकदीर मेरी
जब वक़्त करेगा छल मुझसे
तक़दीर खफ़ा हो जाएगी
तब भी तू...
Music By: अनुपम रॉय
Lyrics By: तनवीर गाज़ी
Performed By: राहत फतह अली खान
मेरी रूह करेगी फ़रियाद
मेरी साँसें कहीं खो जायेंगी
तब भी तू मेरे संग रहना
तब भी तू...
जब राख बनेगा ये सूरज
और धूप धुआं हो जायेगी
तब भी तू...
सजदे की तरह फिर आँखें झुकी
फिर पलकें नमाज़ी हुई
तेरे ज़िक्र में थी कुछ ऐसी नमी
सूखी साँसें भी ताज़ी हुईं
जब उम्र की आवारा बारिश
सब रंग मेरे धो जायेगी
तब भी तू...
तावीज़ है मेरी मुट्ठी में
तावीज़ में है तस्वीर तेरी
उलझी सी लकीरें हाथ में है
तू सुलझाये तकदीर मेरी
जब वक़्त करेगा छल मुझसे
तक़दीर खफ़ा हो जाएगी
तब भी तू...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...