Movie/Album: परी (2018)
Music By: अनुपम रॉय
Lyrics By: अन्विता दत्त गुप्तन
Performed By: इशान मित्रा
तेरे ही ज़िक्र की जासूसी, मेरी खामोशी है
रहूँ मैं चुप क्यूँ, बातूनी मेरी खामोशी है
जलते बुझते, हर्फ हैं जो
होठों पे ये, बर्फ क्यूँ हो
इन सवालों का तू जवाब है
सुन ज़रा
तेरे ही ज़िक्र की...
दिल तेरा चकोरे सा भागा क्यूँ है
चाँद बगल में तेरा
कंधों पे ये ख्वाब ऐसा लदा क्यूँ है
तकिये पे रख तो ज़रा
छुपे हैं जो दिल के सुराख दिखा दूँ तुझे
तेरे ही ज़िक्र की...
दिल के बिछौने जो थे कोरे-कोरे
रंग से खिलने लगे
ख्वाब के बगीचे धागा-धागा चुने
फ़ुर्सत से सिलने लगे
कहाँ से ये सीखा हुनर बता दिल मेरे
तेरे ही ज़िक्र की...
Music By: अनुपम रॉय
Lyrics By: अन्विता दत्त गुप्तन
Performed By: इशान मित्रा
तेरे ही ज़िक्र की जासूसी, मेरी खामोशी है
रहूँ मैं चुप क्यूँ, बातूनी मेरी खामोशी है
जलते बुझते, हर्फ हैं जो
होठों पे ये, बर्फ क्यूँ हो
इन सवालों का तू जवाब है
सुन ज़रा
तेरे ही ज़िक्र की...
दिल तेरा चकोरे सा भागा क्यूँ है
चाँद बगल में तेरा
कंधों पे ये ख्वाब ऐसा लदा क्यूँ है
तकिये पे रख तो ज़रा
छुपे हैं जो दिल के सुराख दिखा दूँ तुझे
तेरे ही ज़िक्र की...
दिल के बिछौने जो थे कोरे-कोरे
रंग से खिलने लगे
ख्वाब के बगीचे धागा-धागा चुने
फ़ुर्सत से सिलने लगे
कहाँ से ये सीखा हुनर बता दिल मेरे
तेरे ही ज़िक्र की...
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