Movie/Album: मिर्ज़ा ग़ालिब (1954)
Music By: ग़ुलाम मोहम्मद
Lyrics By: मिर्ज़ा ग़ालिब
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
है बस के हर एक उनके इशारे में निशाँ और
करते हैं मुहब्बत तो गुज़रता है गुमाँ और
या रब न वो न समझे हैं, न समझेंगे मेरी बात
दे और दिल उनको, जो न दे मुझको ज़बाँ और
तुम शहर में हो तो हमें क्या ग़म, जब उठेंगे
ले आएँगे बाज़ार से जा कर दिल-ओ-जाँ और
है और भी दुनिया में सुख़नवर बहुत अच्छे
कहते हैं के ग़ालिब का है अंदाज़-ए-बयाँ और
Music By: ग़ुलाम मोहम्मद
Lyrics By: मिर्ज़ा ग़ालिब
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
है बस के हर एक उनके इशारे में निशाँ और
करते हैं मुहब्बत तो गुज़रता है गुमाँ और
या रब न वो न समझे हैं, न समझेंगे मेरी बात
दे और दिल उनको, जो न दे मुझको ज़बाँ और
तुम शहर में हो तो हमें क्या ग़म, जब उठेंगे
ले आएँगे बाज़ार से जा कर दिल-ओ-जाँ और
है और भी दुनिया में सुख़नवर बहुत अच्छे
कहते हैं के ग़ालिब का है अंदाज़-ए-बयाँ और
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...