Movie/Album: बदला (2019)
Music By: अमाल मलिक
Lyrics By: कुमार
Performed By: अरमान मलिक
दिल हँसते-हँसते रो पड़ा
दर्द आँसुओं में है बड़ा
दिल हँसते हँसते...
टूटी सबसे है यारी
मैं तो ज़िन्दगी से हारी
गयी साँसों को दुखा के
कहाँ पे ये हवा
क्यूँ रब्बा इस कदर तोड़ेया वे
के एक टुकड़ा ना छोड़ेया
धड़कने के लिए धड़कनों में
कुछ ना बचा
क्यूँ रब्बा इस कदर...
(तोड़ेया वे
तोड़ेया वे
धडकनों में
तोड़ेया वे)
खुद का वजूद खो गया
साया भी पराया हो गया
देखा है तुझको कहीं पे
बोले मेरा आईना
खुद का वजूद...
खुद को ना पहचानूँ
पता खुद का ना जानूँ
जाऊँ अब मैं कहाँ पे
दिखे ना रास्ता
क्यूँ रब्बा इस कदर...
दिल का नसीब था बुरा
जो सोचा था वो ना हुआ
दूर से जो वो लगा समंदर
था वो मंज़र रेत का
दिल का नसीब...
धोखा दे गयी तकदीरें
झूठी निकली लकीरें
करूँ किस पे यकीं
समझ में आए ना
क्यूँ रब्बा इस कदर...
Music By: अमाल मलिक
Lyrics By: कुमार
Performed By: अरमान मलिक
दिल हँसते-हँसते रो पड़ा
दर्द आँसुओं में है बड़ा
दिल हँसते हँसते...
टूटी सबसे है यारी
मैं तो ज़िन्दगी से हारी
गयी साँसों को दुखा के
कहाँ पे ये हवा
क्यूँ रब्बा इस कदर तोड़ेया वे
के एक टुकड़ा ना छोड़ेया
धड़कने के लिए धड़कनों में
कुछ ना बचा
क्यूँ रब्बा इस कदर...
(तोड़ेया वे
तोड़ेया वे
धडकनों में
तोड़ेया वे)
खुद का वजूद खो गया
साया भी पराया हो गया
देखा है तुझको कहीं पे
बोले मेरा आईना
खुद का वजूद...
खुद को ना पहचानूँ
पता खुद का ना जानूँ
जाऊँ अब मैं कहाँ पे
दिखे ना रास्ता
क्यूँ रब्बा इस कदर...
दिल का नसीब था बुरा
जो सोचा था वो ना हुआ
दूर से जो वो लगा समंदर
था वो मंज़र रेत का
दिल का नसीब...
धोखा दे गयी तकदीरें
झूठी निकली लकीरें
करूँ किस पे यकीं
समझ में आए ना
क्यूँ रब्बा इस कदर...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...