Movie/Album: कृष (2006)
Music By: राजेश रोशन
Lyrics By: नासिर फ़राज़
Performed By: सोनू निगम, श्रेया घोषाल
धूप निकलती है जहाँ से
धूप निकलती है...
चाँदनी रहती है जहाँ पे
ख़बर ये आई है वहाँ से
कोई तुमसा नहीं
ओ कोई तुमसा नहीं
कोई तुमसा नहीं...
नींद छुपती है जहाँ पे
नींद छुपती है...
ख़्वाब सजते हैं जहाँ पे
खबर ये आई है...
फूल, तितली और कलियाँ
हो गए तुमसे ख़फ़ा
छीन ली जो तुमने इनसे
प्यार की हर इक अदा
प्यार की हर इक अदा
रंग बनता है जहाँ पे
रंग बनता है...
रूप मिलता है जहाँ से
खबर ये आई है...
मेरे दिल के चोर हो तुम
क्या तुम्हें एहसास है
हाँ मेरे दिल के...
इश्क था दुनिया में जितना
सब तुम्हारे पास है
सब तुम्हारे पास है
है दिवानापन जहाँ पे
है दिवानापन...
बनते हैं आशिक जहाँ पे
खबर ये आई है...
Music By: राजेश रोशन
Lyrics By: नासिर फ़राज़
Performed By: सोनू निगम, श्रेया घोषाल
धूप निकलती है जहाँ से
धूप निकलती है...
चाँदनी रहती है जहाँ पे
ख़बर ये आई है वहाँ से
कोई तुमसा नहीं
ओ कोई तुमसा नहीं
कोई तुमसा नहीं...
नींद छुपती है जहाँ पे
नींद छुपती है...
ख़्वाब सजते हैं जहाँ पे
खबर ये आई है...
फूल, तितली और कलियाँ
हो गए तुमसे ख़फ़ा
छीन ली जो तुमने इनसे
प्यार की हर इक अदा
प्यार की हर इक अदा
रंग बनता है जहाँ पे
रंग बनता है...
रूप मिलता है जहाँ से
खबर ये आई है...
मेरे दिल के चोर हो तुम
क्या तुम्हें एहसास है
हाँ मेरे दिल के...
इश्क था दुनिया में जितना
सब तुम्हारे पास है
सब तुम्हारे पास है
है दिवानापन जहाँ पे
है दिवानापन...
बनते हैं आशिक जहाँ पे
खबर ये आई है...
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