Music By: सचिन-जिगर
Lyrics By: समीर
Performed By: विजय प्रकाश, प्रिया पांचाल
हाँ किया महसूस के वो रगों में जो दौड़ता है
मिली जब रोशनी तो शोलों-सा खौलता है
हो किताबों में लिखा जो, हमने कब वो पढ़ा है
लिखते हैं हम फ़लक पे ख़ुद हमारी दास्ताँ
गले लगा ले, गले लगा ले
गले लगा, गले लगा ले ज़िन्दगी
धुंधली-धुंधली निगाहें, धुंधले-धुंधले हैं ख़्वाब
धुंधली तेरी निगाह है, धुंधले से दिन में ख़्वाब हैं
खोल निगाहें, बंद ख़्वाबों को उड़ जाने दे
तेरा है ये जहां, तेरा है ये जहां
बंदिशों से निकल के, दिल की राहों पे चल के
मिला है अब पता हमें ख़्वाबों की लकीरों का
गले लगा ले...
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