Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: इरशाद कामिल
Performed By: मोहित चौहान
सच कहूँ तो, होंठ जलते मेरे
चुप रहूँ तो, साँस ही ना आये
मुश्किल है बहुत ही
अब छुपाना या बताना
ज़्यादा पास आना
है असल में दूर जाना
मेरे साथ मेरे ज़ख्म भी है
दर्द भी है
जिनसे है बिगड़ता
जो भी चाहूँ मैं बनाना
मुझे नज़दीकियों से मिली
ये दूरियाँ, ये दूरियाँ
ना शिकायत है तुझे
शिकायत ना मुझे
मगर दूरी है
क्या भला रोके हमें
बढ़े ना क्यूँ कदम
अगर दूरी है
पूछूँ तेरे बारे
चढ़ते दिन से, शाम से भी
ना है चैन तेरी
याद से भी नाम से भी
ऐसा क्यूँ हुआ है
ये पता है जानते हैं
तुझसे भी मुहब्बत
है मोहब्बत काम से भी
यूँ ही नज़दीकियों में रही
ये दूरियाँ...
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