Music By: अनुज गर्ग
Lyrics By: दिनेश पंत
Performed By: राहुल राम, तोची रैना
दो दिन का ये मेला है
दो दिन का
दो दिन का ये मेला है
खेला फिर उठ जाना है
अरे दो दिन का ये मेला है
खेला फिर उठ जाना है
आना है, जाना है
जीवन चलते जाना है
हो आना है, जाना है
जीवन चलते जाना है
मिटे ना छप के
शहद सा टपके
मिठे ना छप के
शहद सा टपके
मीठा बोल खज़ाना है
आना है, जाना है
जीवन चलते जाना है
माटी का बर्तन है प्यारे
माटी में मिल जाना है
आना है जाना है...
हवाओं में बहती कहानियाँ हैं
हो, हवाओं में बहती कहानियाँ हैं
भोली मासूम नादानियाँ है
भोर और साँझ के पक्के रंग
पूजा अज़ान दुआओं के संग
घर-घर की छत पे रहता
पंछियों का अब दाना है
आना है जाना है...
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