रात भर तन्हा - Raat Bhar Tanha (Hariharan, Dil Ki Baat)

Movie/Album: दिल की बात (1990)
Music By: हरिहरन
Lyrics By: इब्राहिम अश्क़
Performed By: हरिहरन

रात भर तन्हा रहा, दिन भर अकेला मैं ही था
शहर की आबादियों में अपने जैसा मैं ही था
रात भर तन्हा रहा...

मैं ही दरिया, मैं ही तूफ़ाॅं, मैं ही था हर मौज भी
मैं ही ख़ुद को पी गया, सदियों से प्यासा मैं ही था
शहर की आबादियों...

किसलिए कतरा के जाता है मुसाफ़िर दम तो ले
आज सूखा पेड़ हूॅं कल तेरा साया मैं ही था
शहर की आबादियों...

कितने जज़्बों की निराली ख़ुशबुऍं थी मेरे पास
कोई इनका चाहने वाला नहीं था मैं ही था
शहर की आबादियों...

लफ़्ज़ों की तरह - Lafzon Ki Tarah (Hariharan, Paigham)

Movie/Album: पैग़ाम (1997)
Music By: जॉली मुखर्जी
Lyrics By: इसरार अंसारी
Performed By: हरिहरन

लफ़्ज़ों की तरह मुझसे किताबों में मिला कर
दुनिया का तुझे डर है तो ख़्वाबों में मिला कर
लफ़्ज़ों की तरह...

फूलों से तो ख़ुशबू का ताल्लुक है ज़रूरी
तू मुझसे महक बन के गुलाबों में मिला कर
दुनिया का तुझे...

सागर को मैं छू कर तुझे महसूस करूॅंगा
मस्ती की तरह मुझसे शराबों में मिला कर
दुनिया का तुझे...

मैं भी हूँ बशर मुझको बहकने का भी डर है
इस वास्ते तू मुझसे हिजाबों में मिला कर
दुनिया का तुझे...