Movie/Album: टैक्सी न. नौ दो ग्यारह (2006)
Music By: विशाल शेखर
Lyrics By: देव कोहली
Performed By: शेखर रव्जियानी
आज़मा ले आज़मा ले
आज ख़ुद को आज़मा ले
फिरता है कब से ये दिल संभाले
बोलिए लब पे रुके हैं
तेरे सजदे में झुके हैं
पल पल बिखरे हैं कितने उजाले
क्या करुँ क्या सोचता है
चैन दिल का ढूँढता है
अपनी किस्मत को जगा ले
बीच का परदा उठा ले
आज़माले
अपने गम से खेलता है
दर्द कितने झेलता है
सोचता तू और कुछ है
और कुछ तू बोलता है
अपने दिल को तू मना ले
बीच का परदा उठा ले
आज़माले...
कश्मकश को छोड़ दे तू
रुख हवा का मोड़ दे तू
खाली पैमाना है तेरा
हो सके तो तोड़ दे तू
इक नई महफिल सजा ले
बीच का परदा उठा ले
आज़माले...
Music By: विशाल शेखर
Lyrics By: देव कोहली
Performed By: शेखर रव्जियानी
आज़मा ले आज़मा ले
आज ख़ुद को आज़मा ले
फिरता है कब से ये दिल संभाले
बोलिए लब पे रुके हैं
तेरे सजदे में झुके हैं
पल पल बिखरे हैं कितने उजाले
क्या करुँ क्या सोचता है
चैन दिल का ढूँढता है
अपनी किस्मत को जगा ले
बीच का परदा उठा ले
आज़माले
अपने गम से खेलता है
दर्द कितने झेलता है
सोचता तू और कुछ है
और कुछ तू बोलता है
अपने दिल को तू मना ले
बीच का परदा उठा ले
आज़माले...
कश्मकश को छोड़ दे तू
रुख हवा का मोड़ दे तू
खाली पैमाना है तेरा
हो सके तो तोड़ दे तू
इक नई महफिल सजा ले
बीच का परदा उठा ले
आज़माले...
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