Movie/Album: जश्न (2006)
Lyrics By: जनाब ज़फर गोरखपुरी
Performed By: पंकज उदास
और आहिस्ता कीजिये बातें
धड़कने कोई सुन रहा होगा
लफ्ज़ गिरने ना पाए होठों से
वक़्त के हाथ इनको चुन लेंगे
कान रखते हैं ये दर-ओ-दीवार
राज़ की सारी बात सुन लेंगे
और आहिस्ता कीजिये बातें...
ऐसे बोलो कि दिल का अफसाना
दिल सुने और निगाह दोहराए
अपने चारों तरफ की ये दुनिया
साँस का शोर भी
ना सुन पाए, ना सुन पाए
और आहिस्ता कीजिये बातें...
आइये बंद कर लें दरवाज़े
रात सपने चुरा न ले जाए
कोई झोंका हवा का आवारा
दिल ही की बातों को उड़ा
न ले जाये, न ले जाये
और आहिस्ता कीजिये बातें...
आज इतने करीब आ जाओ
दूरियों का कहीं निशां न रहे
ऐसे एक-दूसरे में गुम हो जाएँ
फासला कोई दरमियाँ
न रह जाये, न रह जाये
और आहिस्ता कीजिये बातें...
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