Movie/Album: प्यार का मौसम (1969)
Music By: आर.डी.बर्मन
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: किशोर कुमार, मो.रफ़ी
किशोर
तुम बिन जाऊँ कहाँ
कि दुनिया में आ के
कुछ न फिर चाहा कभी
तुमको चाह के
तुम बिन जाऊँ...
रह भी सकोगे तुम कैसे हो के मुझसे जुदा
फट जाएँगी दीवारें सुन के मेरी सदा
आना होगा तुम्हें मेरे लिए साथी मेरी
सूनी राह के
तुम बिन जाऊँ...
इतनी अकेली सी पहले थी यही दुनिया
तुमने नज़र जो मिलायी बस गयी दुनिया
दिल को मिली जो तुम्हारी लगन दिए जल गए
मेरी आह के
तुम बिन जाऊँ...
तुम बिन जाऊँ कहाँ
कि दुनिया में आ के
कुछ न फिर चाहा कभी
तुमको चाह के
तुम बिन जाऊँ...
रह भी सकोगे तुम कैसे हो के मुझसे जुदा
फट जाएँगी दीवारें सुन के मेरी सदा
आना होगा तुम्हें मेरे लिए साथी मेरी
सूनी राह के
तुम बिन जाऊँ...
इतनी अकेली सी पहले थी यही दुनिया
तुमने नज़र जो मिलायी बस गयी दुनिया
दिल को मिली जो तुम्हारी लगन दिए जल गए
मेरी आह के
तुम बिन जाऊँ...
रफ़ी
देखो मुझे सर से कदम तक, सिर्फ प्यार हूँ मैं
देखो मुझे सर से कदम तक, सिर्फ प्यार हूँ मैं
गले से लगा लो के तुम्हारा, बेकरार हूँ मैं
तुम क्या जानो के भटकता फिरा, किस-किस गली
तुमको चाह के
तुम बिन जाऊँ...
अब है सनम हर मौसम प्यार के काबिल
पड़ी जहाँ छाँव हमारी सज गयी महफ़िल
महफ़िल क्या तन्हाई में भी लगता है जी
तुमको चाह के
तुम बिन जाऊँ...
Very heart touch song
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