Movie/Album: अमर प्रेम (1971)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: किशोर कुमार
चिंगारी कोई भड़के, तो सावन उसे बुझाये
सावन जो अगन लगाये, उसे कौन बुझाये
पतझड़ जो बाग़ उजाड़े, वो बाग़ बहार खिलाये
जो बाग़ बहार में उजड़े, उसे कौन खिलाये
चिंगारी कोई भड़के...
हमसे मत पूछो कैसे, मंदिर टूटा सपनों का
लोगों की बात नहीं है, ये क़िस्सा है अपनों का
कोई दुश्मन ठेस लगाये, तो मीत जिया बहलाये
मन मीत जो घाव लगाये
उसे कौन मिटाये...
ना जाने क्या हो जाता, जाने हम क्या कर जाते
पीते हैं तो ज़िन्दा हैं, न पीते तो मर जाते
दुनिया जो प्यासा रखे, तो मदिरा प्यास बुझाये
मदिरा जो प्यास लगाये
उसे कौन बुझाये...
माना तूफाँ के आगे, नहीं चलता ज़ोर किसी का
मौजों का दोष नहीं है, ये दोष है और किसी का
मझधार में नैय्या डोले, तो माझी पार लगाये
माझी जो नाव डुबोए
उसे कौन बचाये...
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: किशोर कुमार
चिंगारी कोई भड़के, तो सावन उसे बुझाये
सावन जो अगन लगाये, उसे कौन बुझाये
पतझड़ जो बाग़ उजाड़े, वो बाग़ बहार खिलाये
जो बाग़ बहार में उजड़े, उसे कौन खिलाये
चिंगारी कोई भड़के...
हमसे मत पूछो कैसे, मंदिर टूटा सपनों का
लोगों की बात नहीं है, ये क़िस्सा है अपनों का
कोई दुश्मन ठेस लगाये, तो मीत जिया बहलाये
मन मीत जो घाव लगाये
उसे कौन मिटाये...
ना जाने क्या हो जाता, जाने हम क्या कर जाते
पीते हैं तो ज़िन्दा हैं, न पीते तो मर जाते
दुनिया जो प्यासा रखे, तो मदिरा प्यास बुझाये
मदिरा जो प्यास लगाये
उसे कौन बुझाये...
माना तूफाँ के आगे, नहीं चलता ज़ोर किसी का
मौजों का दोष नहीं है, ये दोष है और किसी का
मझधार में नैय्या डोले, तो माझी पार लगाये
माझी जो नाव डुबोए
उसे कौन बचाये...
Beautiful, dynamic song
ReplyDeleteVery nice. क्या लिखते थे, उस जमाने के लोग! Aaj bhi aise lyrics कमाल करेंगे, बस इस ओर कदम बढ़ाने की जरूरत है तेजी से.
ReplyDeleteAwesome lyrics jawab nahi pehle ke gano ke bol ka..kya likhte the bilkul lajawaab
ReplyDeleteVery awesome song 😘
ReplyDeleteयह गीत मेरे लिए बहुत अच्छा है इसी गीत को गाकर एक समारोह में 50000 का इनाम पाया हु।लिखने वाले को दिल से धन्यवाद।
ReplyDelete