Movie/Album: सुजाता (1959)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: तलत महमूद
जलते हैं जिसके लिए
तेरी आँखों के दीये
ढूँढ लाया हूँ वही
गीत मैं तेरे लिए
जलते हैं जिसके लिए...
दर्द बन के जो मेरे दिल में रहा, ढल न सका
जादू बन के तेरी आँखों में रुका, चल न सका
आज लाया हूँ वही, गीत मैं तेरे लिए
जलते हैं जिसके लिए...
दिल में रख लेना इसे, हाथों से ये छूटे न कहीं
गीत नाज़ुक है मेरा, शीशे से भी टूटे न कहीं
गुनगुनाऊँगा यही गीत मैं तेरे लिए
जलते हैं जिसके लिए...
जब तलक ना ये तेरे, रसके भरे होठों से मिले
यूँ ही आवारा फिरेगा ये, तेरी ज़ुल्फ़ों के तले
गाये जाऊँगा यही गीत मैं तेरे लिए
जलते हैं जिसके लिए...
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: तलत महमूद
जलते हैं जिसके लिए
तेरी आँखों के दीये
ढूँढ लाया हूँ वही
गीत मैं तेरे लिए
जलते हैं जिसके लिए...
दर्द बन के जो मेरे दिल में रहा, ढल न सका
जादू बन के तेरी आँखों में रुका, चल न सका
आज लाया हूँ वही, गीत मैं तेरे लिए
जलते हैं जिसके लिए...
दिल में रख लेना इसे, हाथों से ये छूटे न कहीं
गीत नाज़ुक है मेरा, शीशे से भी टूटे न कहीं
गुनगुनाऊँगा यही गीत मैं तेरे लिए
जलते हैं जिसके लिए...
जब तलक ना ये तेरे, रसके भरे होठों से मिले
यूँ ही आवारा फिरेगा ये, तेरी ज़ुल्फ़ों के तले
गाये जाऊँगा यही गीत मैं तेरे लिए
जलते हैं जिसके लिए...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...