Music By : शंकर-जयकिशन
Lyrics By : हसरत जयपुरी
Performed By : मो.रफ़ी, लता मंगेशकर
अजी रूठ कर अब कहाँ जाइएगा
(अजी हमसे बचकर कहाँ जाइएगा)
जहाँ जाइएगा हमें पाइएगा
अजी रूठ कर अब...
निगाहों में छुपकर दिखाओ तो जानें
ख़यालों में भी तुम न आओ तो जानें
अजी लाख परदों में छुप जाइएगा
नज़र आइएगा, नज़र आइएगा
अजी रूठ कर अब...
जो दिल में हैं होठों पे लाना भी मुश्किल
मगर उसको दिल में छुपाना भी मुश्किल
नज़र की ज़ुबाँ से समझ जाइएगा
समझ कर ज़रा गौर फ़रमाइएगा
अजी रूठ कर अब...
ये कैसा नशा है, ये कैसा असर है
न काबू में दिल है, न बस में नज़र है
ज़रा होश आ ले चले जाइएगा
ठहर जाइएगा, ठहर जाइएगा
अजी रूठ कर अब...
Kya gaana....hai dosto....
ReplyDeleteSpectacular and what a voice really the nightangle of India.....!!!!