रिमझिम गिरे सावन - Rimjhim Gire Saawan (Kishore Kumar, Lata Mangeshkar, Manzil)

Movie/Album: मंजिल (1979)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: योगेश
Performed By: लता मंगेशकर, किशोर कुमार

रिमझिम गिरे सावन
सुलग-सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में
लगी कैसी ये अगन
रिमझिम गिरे सावन...

पहले भी यूँ तो बरसे थे बादल
पहले भी यूँ तो भीगा था आँचल
अब के बरस क्यूँ सजन, सुलग-सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में...

इस बार सावन दहका हुआ है
इस बार मौसम बहका हुआ है
जाने पी के चली क्या पवन, सुलग-सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में...

जब घुंघरुओं सी बजती हैं बूंदे
अरमाँ हमारे पलके न मूंदे
कैसे देखे सपने नयन, सुलग-सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में...

महफ़िल में कैसे कह दें किसी से
दिल बंध रहा है किस अजनबी से
हाय करें अब क्या जतन, सुलग-सुलग जाए मन
भीगे आज इस मौसम में...

7 comments :

  1. WOW , YE MERA SIGNATURE SONG HAI DOST !!!.MAIN ISE HI GAATA HOON !!

    VIJAY

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  2. This is my most Favorite song....

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  3. fantastic song always mesmerized
    me

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  4. इस गीत को हमेशा याद किया जाऐगा।

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  5. Kishorda might have poured his soul into this song...

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  6. महफ़िल में कैसे कह दें किसी से,
    दिल बंध रहा है किस अजनबी से।।
    Hurt touching lines

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