कर-कर मैं हारा - Kar Kar Main Haara (Kailash Kher, Yatra)

Movie/Album: यात्रा - द नोमैडिक सोल्स (2009)
Music By: कैलाश खेर, नरेश कामथ, परेश कामथ
Lyrics By: कैलाश खेर
Performed By: कैलाश खेर

यूँ तो तेरी याद में भी स्वाद है तेरा
पर आँखों को मनाऊँ किस तरह
होंठों की मजाल क्या जो करे ये सवाल
पर दिल को मैं समझाऊँ किस तरह
सत या असत है (ये) मैं क्या जानूँ
जैसे साँसें तेरे बिना हुई गुम

कर-कर मैं हारा हर जतन
तेरी तड़प तेरी ही लगन
पर्दा ये जब हट जाएगा
अम्बर को धरती से मिलाऊँगा
मैं कर-कर मैं हारा...

भुला-भुला, खोया-खोया भटका फिरूँ मैं तेरी चाह में
तक-तक, अंख मुरझाई, पथराई तेरी आह में

आँखों में मेरी जो समाएगा
पंख बिना ही उड़ जाऊँगा
मैं कर-कर मैं हारा...

कभी-कभी धूप, कभी छाँव, तू ही है पहचान लूँ
या तो मुझे हंसा बना दे तो, मैं तुझे जान लूँ

खुशबू से जो तू बाहर आएगा
सूरज को गोद में खिलाऊँगा
मैं कर-कर मैं हारा..
Print Friendly and PDF

No comments :

Post a Comment

यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...