दिल से रे - Dil Se Re (A.R.Rehman, Dil Se)

Movie/Album: दिल से (1998)
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: ए.आर.रहमान

इक सूरज निकला था
कुछ तारा पिघला था
इक आँधी आयी थी
जब दिल से आह निकली थी
दिल से रे

दिल तो आखिर दिल है ना
मीठी सी मुश्किल है ना
पिया पिया, पिया पिया ना पिया
जिया जिया, जिया जिया ना जिया
दिल से रे...

दो पत्ते पतझड़ के पेड़ों से उतरे थे
पेड़ों की शाखों से उतरे थे
फिर कितने मौसम गुज़रे, वो पत्ते दो बेचारे
फिर उगने की चाहत में, वो सहराओं से गुज़रे
वो पत्ते दिल-दिल-दिल थे, वो दिल थे, दिल-दिल थे
दिल है तो फिर दर्द होगा, दर्द है तो दिल भी होगा
मौसम गुज़रते रहते हैं
दिल है तो फिर दर्द होगा, दर्द है तो दिल भी होगा
दिल से, दिल से, दिल से, दिल से रे
दिल तो आखिर...

बन्धन है रिश्तों में, काँटों की तारें हैं
पत्थर के दरवाज़े, दीवारें
बेलें फिर भी उगती हैं और गुँचे भी खिलते हैं
और चलते हैं अफ़साने, किरदार भी मिलते हैं
वो रिश्ते दिल-दिल-दिल थे, वो दिल थे, दिल-दिल थे
ग़म दिल के बस चुलबुले हैं, पानी के ये बुलबुले हैं
बुझते ही बनते रहते हैं
दिल से, दिल से, दिल से, दिल से रे

8 comments :

  1. Replies

    1. दो पत्ते पतझड़ के पेड़ों से उतरे थे
      पेड़ों की शाखों से उतरे थे
      फिर कितने मौसम गुज़रे, वो पत्ते दो बेचारे
      फिर उगने की चाहत में, वो सहराओं से गुज़रे
      वो पत्ते दिल-दिल-दिल थे, वो दिल थे, दिल-दिल थे
      दिल है तो फिर दर्द होगा, दर्द है तो दिल भी होगा
      मौसम गुज़रते रहते हैं
      दिल है तो फिर दर्द होगा, दर्द है तो दिल भी होगा
      दिल से, दिल से, दिल से, दिल से रे
      दिल तो आखिर...

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  2. Please available dil se re lyrics in PDF for download

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    1. अगर आप डेस्कटॉप से वेबसाइट खोलेंगे तो आपको "प्रिंट" का विकल्प दिखेगा जिससे आप pdf में डाउनलोड कर सकते हैं।

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  3. क्या हम ऐसे लिख पाएंगे

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