Movie/Album: दूर गगन की छाँव में (1964)
Music By: किशोर कुमार
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: किशोर कुमार
अलबेले दिन प्यारे
मेरे बिछड़े साथ सहारे
हाय! कहाँ गये
हाय! कहाँ गये
आँखों के उजियारे
मेरी सूनी रात के तारे
हाय! कहाँ गये
कोई लौटा दे मेरे, बीते हुए दिन
बीते हुए दिन वो, प्यारे पल छिन
कोई लौटा दे मेरे...
मेरे ख्वाबों के महल, मेरे सपनों के नगर
पी लिया जिनके लिये मैंने जीवन का ज़हर
आज मैं ढूँढूं कहाँ, खो गये जाने किधर
बीते हुए दिन...
मैं अकेला तो ना था, थे मेरे साथी कई
एक आँधी सी उठी, जो भी था लेके गई
ऐसे भी दिन थे कभी, मेरी दुनिया थी मेरी
बीते हुए दिन...
Music By: किशोर कुमार
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: किशोर कुमार
अलबेले दिन प्यारे
मेरे बिछड़े साथ सहारे
हाय! कहाँ गये
हाय! कहाँ गये
आँखों के उजियारे
मेरी सूनी रात के तारे
हाय! कहाँ गये
कोई लौटा दे मेरे, बीते हुए दिन
बीते हुए दिन वो, प्यारे पल छिन
कोई लौटा दे मेरे...
मेरे ख्वाबों के महल, मेरे सपनों के नगर
पी लिया जिनके लिये मैंने जीवन का ज़हर
आज मैं ढूँढूं कहाँ, खो गये जाने किधर
बीते हुए दिन...
मैं अकेला तो ना था, थे मेरे साथी कई
एक आँधी सी उठी, जो भी था लेके गई
ऐसे भी दिन थे कभी, मेरी दुनिया थी मेरी
बीते हुए दिन...
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