Movie/Album: अनजाना अनजानी (2010)
Music By: विशाल-शेखर
Lyrics By: विशाल ददलानी
Performed By: लकी अली
धीमी धीमी चलने लगी हैं अब हवाएं
धीमी धीमी खुलने लगी है आज राहें
रंगने लगे हैं मंजिल को जां ले के राह सारे
जैसे आसमां के छींटे पड़े हों बनके सितारे
धीमी धीमी रौशनी सी
बह रही हैं इन हवाओं में यहाँ
हैरत हैरत हैरत है
तू है तो हर इक लम्हां ख़ूबसूरत है
शाम थी, कोई जो तू आ गया
यहाँ हो गयी है सुबह
रात का नाम-ओ-निशाँ तक नहीं कहीं
है सहर हर जगह
खोई-खोई ख्वाबों में
छुपी-छुपी ख्वाहिशें
नरम से रेत पे, गीली-गीली बारिशें
लिपटा हूँ राहों में, राहों की बाहों में
है अब मेरी जगह
कल पे छ गया धुआं
ये जो पल नया हुआ
हो गयी शुरू नयी दास्ताँ
हैरत...
Music By: विशाल-शेखर
Lyrics By: विशाल ददलानी
Performed By: लकी अली
धीमी धीमी चलने लगी हैं अब हवाएं
धीमी धीमी खुलने लगी है आज राहें
रंगने लगे हैं मंजिल को जां ले के राह सारे
जैसे आसमां के छींटे पड़े हों बनके सितारे
धीमी धीमी रौशनी सी
बह रही हैं इन हवाओं में यहाँ
हैरत हैरत हैरत है
तू है तो हर इक लम्हां ख़ूबसूरत है
शाम थी, कोई जो तू आ गया
यहाँ हो गयी है सुबह
रात का नाम-ओ-निशाँ तक नहीं कहीं
है सहर हर जगह
खोई-खोई ख्वाबों में
छुपी-छुपी ख्वाहिशें
नरम से रेत पे, गीली-गीली बारिशें
लिपटा हूँ राहों में, राहों की बाहों में
है अब मेरी जगह
कल पे छ गया धुआं
ये जो पल नया हुआ
हो गयी शुरू नयी दास्ताँ
हैरत...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...