Movie/Album: आर पार (1954)
Music By: ओ.पी.नैय्यर
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: शमशाद बेगम
कभी आर कभी पार लागा तीर-ए-नज़र
सैंया घायल किया रे तूने मोरा जिगर
कभी आर कभी पार...
कितना संभाला बैरी, दो नैनों में खो गया
देखती रह गयी मैं तो, जिया तेरा हो गया
दर्द मिला ये जीवन भर का
मारा ऐसा तीर नज़र का
लूटा चैन, क़रार
कभी आर कभी पार...
पहले मिलन में ये तो दुनियाँ की रीत है
बात में गुस्सा लेकिन दिल ही दिल में प्रीत है
मन ही मन में लड्डू फूटे
नैनों से फुलझड़ियाँ छूटे
होंठों पर तक़रार
कभी आर कभी पार...
Music By: ओ.पी.नैय्यर
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: शमशाद बेगम
कभी आर कभी पार लागा तीर-ए-नज़र
सैंया घायल किया रे तूने मोरा जिगर
कभी आर कभी पार...
कितना संभाला बैरी, दो नैनों में खो गया
देखती रह गयी मैं तो, जिया तेरा हो गया
दर्द मिला ये जीवन भर का
मारा ऐसा तीर नज़र का
लूटा चैन, क़रार
कभी आर कभी पार...
पहले मिलन में ये तो दुनियाँ की रीत है
बात में गुस्सा लेकिन दिल ही दिल में प्रीत है
मन ही मन में लड्डू फूटे
नैनों से फुलझड़ियाँ छूटे
होंठों पर तक़रार
कभी आर कभी पार...
incomplete
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